धर्म संसद
महात्मा बुद्ध जयंती स्पेशल - यह पहले कमरे की मृत्यु है,...
चेतना के स्तर पर कोई मृत्यु नहीं है। दीपक को एक कमरे में से यदि दूसरे कमरे में ले जाया जाये तो पहले कमरे में अँधेरा हो जाता है, यह...
एक परम चेतन बिंदु - पारलौकिक ज्ञान के सन्दर्भ में आचार्य...
किसी भी भौतिक क्रिया का इससे कोई सम्बन्ध नहीं है। इसे ही संत साहित्य में एक नुक्ता, खसखस का दाना, नुक्ता- ए- सवैदा, घर दर, दसवा दरवाजा...
जानिए ध्यान का वास्तविक अर्थ क्या है, आचार्य नवीन की कलम...
ध्यान की इस परिभाषा में सबसे पहला अर्थ है- "अस्थिरता से स्थिरता की ओर"। स्थिरता किसी को भी बाहर नहीं मिलती, अपने भीतर मिलती है। जो...