सरकारी जमीन के फर्जी नामांतरण मामले में 2 तहसीलदार सस्पेंड:सरकारी भूमि बेचने का मामला
अजमेर ,राजस्थान
सरकारी भूमि को फर्जी नामांतरण के जरिए भू-माफिया को बेचने की शिकायत पीएसएल पाेर्टल पर हुई थी । और पाेर्टल पर शिकायत के बाद मामला खुला जिसमे जांच कमेटी की रिपाेर्ट के अनुसार राजस्व अधिकारियाें तथा कर्मचारियाें ने तहसील क्षेत्र में भारी अनियमितता करते हुए अनधिकृत रूप से सरकारी भूमि का आवंटन तथा नामांतरण स्वीकृत कर दिया। कलेक्टर के अनुसार ग्राम माेतीगढ़ नापासरिया तहसील छतरगढ़ में 3500 बीघा जमीन काे फर्जी तरीके से नामांतरण चढ़ाते हुए भू-माफिया काे बेचा गया।
मामला बीकानेर जिले की तहसील छतरगढ़ का है जहाँ ग्राम गौतीगढ़, नापासरिया, कुंडा में लगभग 3500 बीघा सरकारी भूमि को फर्जी नामांतरण के जरिए भू-माफिया को बेचने के मामले में साेमवार काे राजस्व मंडल ने तत्कालीन छतरगढ़ तहसीलदार कुलदीप सिंह (हाल तहसीलदार सार्दुल शहर श्रीगंगानगर) तथा तत्कालीन नायब तहसीलदार राजेश शर्मा (रजियासर श्रीगंगानगर) काे सस्पेंड कर दिया।
इनका मुख्यालय राजस्व मंडल किया गया है। इनके खिलाफ 16 सीसी की जांच भी शुरू की गई है। जिला कलेक्टर ने इनके खिलाफ प्रस्ताव अप्रैल में ही भेज दिए थे लेकिन ये लाेकसभा चुनाव में एआरओ की जिम्मेदार के चलते सस्पेंशन की कार्रवाई काे चुनाव हाेने तक टाल दिया गया था। साेमवार काे राजस्व सचिव ने इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए राजस्व मंडल काे निर्देश दिए।
इस मामले दाेषी मानते हुए तत्कालीन तहसीलदार दीप्ति काे 13 मार्च काे राजस्व मंडल ने सस्पेंड कर दिया था। तत्कालीन तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार जाखड़ का ताे रिटायरमेंट ही हाे गया। बीकानेर कलेक्टर ने 4 अप्रैल काे कुलदीप और राजेश शर्मा के खिलाफ चार्जशीट के साथ प्रस्ताव भेजा था।
अब तक इनके खिलाफ हाे चुकी है कार्रवाई
इस मामले में कार्य व्यवस्थार्थ नायब तहसीलदार सरवरदीन (निलंबित), गिरदावर मकसूद अहमद (सेवानिवृत्त), गिरदावर सुभाष जांगिड़, मुकेश गाेदारा, जसवीर सिंह, सुरेन्द्र गाेयल। पटवारी सुशाल मीणा, वीरेन्द्र सिंह, अजेन्द्र सिंह, जयसिंह गुर्जर, देवराज (सेवानिवृत्त), विकास पूनिया, अनीता शर्मा, पेमाराम सारण काे दाेषी माना गया है। इस मामले में 18 अधिकारी-कर्मचारी दाेषी पाए गए हैं। इनमें से एक तहसीलदार व दाे पटवारी सेवानिवृत्त भी हाे चुके हैं। इस मामले में 2 गिरदावराें तथा 6 पटवारियाें काे जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि निलंबित कर चुकी हैं।