बासोड़ा (शीतला) पूजन 1 अप्रैल सोमवार को
शीतला पूजन, जिसे बासोड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि यह बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से मुक्ति दिलाती है। माता शीतला की पूजा से भक्त को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। शीतला माता को शीतलता प्रदान करने वाली माता बताया गया है । योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि शीतला का पूजन 1 अप्रैल सोमवार को किया जाएगा। शीतला, जिसे बसोड़ा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। हर साल चैत्र मास की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। बासोडा के दिन मां शीतला की पूजा की जाती है। माना जाता है कि यह बच्चों पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से यह पूजा मुक्ति दिलाती है। माता शीतला की पूजा से भक्त को बीमारियों से मुक्ति मिलती है। इस दिन शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा चली आ रही है।
शीतला अष्टमी १अप्रैल सोमवार के दिन है। बांसोड़ा के दिन ताजा भोजन नहीं पकाया जाता है। इसलिए इसका पूजन करने वाले रविवार को ही पूजा के लिए भोजन तैयार कर लेगे । जिसमें मीठे चावल, राबड़ी, पुए, हलवा, रोटी सहित कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं। इन सभी का भोग अगले दिन 1 अप्रैल सोमवार के दिन मां शीतला को लगाया जाएगा । उसके बाद उसी बासी भोजन को ही लोग ग्रहण करगे।