बिना योग्यता के फॉर्म भरा तो आयोग कराएगा FIR: 14 मई बाद होगी कानूनी कार्रवाई
10 भर्तियों से 7 दिन में आवेदन वापस ले सकेंगे अयोग्य कैंडिडेट,
राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं में गलत दस्तावेज से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कर्मचारी चयन बोर्ड ने कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। अगर कोई भी अभ्यर्थी गलत दस्तावेजों के आधार पर बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षा में शामिल होता है तो उसके खिलाफ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा पुलिस में FIR दर्ज करवाई जाएगी।इससे पहले बोर्ड ने अयोग्य अभ्यर्थियों को फॉर्म वापस (नाम वापस) लेने के लिए 7 दिन का वक्त दिया है। अगर कोई अयोग्य अभ्यर्थी इसके बाद भी अपना फॉर्म वापस नहीं लेता है तो बोर्ड उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
- पात्र अभ्यर्थियों को बेवजह होना पड़ता है परेशान
कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने बताया- बोर्ड द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं में पिछले लंबे वक्त से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी गलत दस्तावेज और सर्टिफिकेट के आधार पर आवेदन करते हैं। रिटन (लिखित) एग्जाम में इन अपात्र अभ्यर्थियों का सिलेक्शन भी हो जाता है, जबकि पात्र अभ्यर्थियों का पहली लिस्ट में सिलेक्शन नहीं हो पाता है और उनको बेवजह परेशान होना पड़ता है।
जब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया होती है तब अपात्र अभ्यर्थियों की जानकारी मिलती है। इनके पास सही दस्तावेज और सर्टिफिकेट नहीं होते हैं। ऑनलाइन फॉर्म भरते समय यह अभ्यर्थी फर्जी तरीके से गलत सर्टिफिकेट अपलोड कर देते हैं, लेकिन जब डॉक्युमेंट वेरिफिकेशन के दौरान संबंधित कॉलेज, स्कूल या फिर संस्थान से उसे वेरीफाई किया जाता है तब उसकी असलियत का पता चलती है। इसकी वजह से वह अयोग्य घोषित हो जाते हैं।
- 10 भर्तियों की विज्ञप्ति में संशोधन जारी किया
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 10 भर्तियों की विज्ञप्ति में संशोधन जारी किया है। इनमें पशु परिचर भर्ती, पर्यवेक्षक महिला अधिकारिता भर्ती, छात्रावास अधीक्षक ग्रेड द्वितीय भर्ती, पर्यवेक्षक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती, छात्रावास अधीक्षक अल्पसंख्यक मामलात भर्ती, पर्यवेक्षक महिला भर्ती, लिपिक ग्रेड द्वितीय कनिष्ठ सहायक भर्ती, शीघ्र लिपिक भर्ती, कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती (4 ट्रेड), कनिष्ठ अनुदेशक भर्ती (16 ट्रेड) शामिल है। इन 10 भर्तियों में 26 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।
- पहले डीबार किया, अब कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
उन्होंने बताया- पिछले 2 साल में कर्मचारी चयन बोर्ड ने ऐसे 3000 से ज्यादा अपात्र स्टूडेंट को डीबार किया है, जो गलत दस्तावेज और सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती परीक्षा में शामिल हुए थे। हालांकि पहले इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती थी, तो इन अभ्यर्थियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ता था। इस बार कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
आलोक राज ने बताया- भर्ती परीक्षा के आयोजन से पहले ही बोर्ड ने गलत दस्तावेजों के माध्यम से आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को अपना नाम वापस लेने के लिए एक बार फिर मौका दिया है। अगर इसके बाद भी कोई अभ्यर्थी गलत दस्तावेजों के आधार पर भर्ती परीक्षा में शामिल होगा तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इनके खिलाफ पुलिस में धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा।