गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में शहीद मंगल पांडे की पुण्यतिथि पर समिति सदस्यों ने पुष्प अर्पित करके किया नमन
गुभाना,झज्जर,हरियाणा
गांव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में सहीद मगल पाड़े की पुण्यतिथि पर समिति सदस्यों ने पुष्प अर्पित करके किया नमन समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक ने कहा कि मंगल पांडे का जन्म भारत के उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था उनके पिता का नाम दिवाकर पांडे था ब्राह्मण होने के कारण मंगल पांडे सन 1849 में 22 साल की उम्र में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में बंगाल नेटिव इन्फेंट्री की 34 वी बटालियन में भर्ती किए गए जिसमें ज्यादा संख्या में ब्राह्मणों की भर्ती जाती थी मंगल पांडे एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वह ईस्ट इंडिया कंपनी की 34वीं बंगाल इन्फेंट्री के सिपाही थे तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने उन्हें बागी करार दिया जबकि आम हिंदुस्तानी उन्हें आजादी की लड़ाई के नायक के रूप में समान देता है भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन 1984 में एक डाक टिकट जारी किया गया तथा मंगल पांडे द्वारा गाय की चर्बी मिले कारतूस को मुंह से काटने से मना कर दिया था ब्रिटिश सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई श्रद्धांजलि देने वालों में सूबेदार मेजर सुरेश कुमार जय भगवान प्रधान राहुल सत्यवान भोला समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक मौजूद रहे।