RRBMU:बीए थर्ड ईयर के परीक्षार्थियों को बांटा भूगोल के पुराने सिलेबस का पेपर, परीक्षा रद्द: अब 29 मई को होगी आयोजित
अलवर जिले कि मत्स्य यूनिवर्सिटी की सोमवार को हुई बीए थर्ड ईयर भूगोल की परीक्षा में स्टूडेंट्स को पुराने सिलेबस का पेपर थमा दिया गया। ये देखते ही परीक्षार्थियों के होश उड़ गए। हंगामा हुआ तो यूनिवर्सिटी ने जांच कराई। पता चला कि नए सिलेबस का पेपर छपवाया ही नहीं गया। इस बड़ी गलती के बाद 43 मिनट के भीतर सभी केंद्राधीक्षकों को ईमेल कर पेपर रद्द किया गया। परीक्षा में 50 केंद्रों पर करीब 7 हजार परीक्षार्थी बैठे थे। जिनसे कॉपी व पेपर वापस लेकर घर भेजना पड़ा। बताया जा रहा है, सोमवार को सुबह 7 से 10 बजे तक बीए पार्ट थर्ड का भूगोल फर्स्ट पेपर था। पेपर एशिया के भूगोल के बारे में आया। यह पुराने सिलेबस में था। नए सिलेबस में स्टूडेंट्स को रीजनल भूगोल पढ़ाया गया था। परीक्षार्थी को अपनी स्कीम के अनुसार इऩ्हें सॉल्व करना था। मगर जब परीक्षार्थियों ने पेपर मिलाए तो दोनों एक जैसे थे। तब गड़बड़ी का पता चला।
- परीक्षा रद्द होने से 5 लाख रुपए का नुकसान,
परीक्षा नियंत्रक लखन सिंह यादवने गलती की जिम्मेदारी ली जिलेभर में इस परीक्षा में करीब 7 हजार परीक्षार्थी बैठे। प्रश्न पत्र छपाई से वितरण तक करीब 5 लाख रुपए खर्च हुए। मामले में परीक्षा नियंत्रक लखन सिंह यादव ने कहा- नई व पुरानी स्कीम के सिलेबस का मसला था। नई स्कीम का पेपर नहीं बन पाया। इसलिए परीक्षा निरस्त कर नई तारीख 29 मई दी गई है। यह मानवीय भूल है। इसकी जिम्मेदारी मेरी है, जिसे मैं स्वीकार करता हूं।
- मामले में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने परीक्षा नियंत्रक को नोटिस जारी
जांच शुरू भूगोल के पेपर नहीं छपने के मामले में परीक्षा नियंत्रक को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और प्रकरण की जांच शुरू करवा दी है कि गलती किस स्तर पर हुई है। जो भी अधिकारी कर्मचारी दोषी होंगे सभी पर कार्यवाही होगी। जब नए सिलेबस का पेपर तलाशा गया तो पता चला कि यह छपा ही नहीं है। दरअसल बीए थर्ड ईयर में भूगोल के 2 तरह के स्टूडेंट्स थे। एक फ्रेशर जिन्हें नए सिलेबस से परीक्षा देनी थी। दूसरे ड्यू पेपर वाले, जिन्हें पुराने सिलेबस से परीक्षा देनी थी। नए और पुराने दोनों सिलेबस के पेपर छपने और हर परीक्षार्थी को बंटने थे।
बताया आ रहा है कि रजिस्ट्रार अतिरिक्त कार्यभार यूनिवर्सिटी को हर 3 साल में पेपर छपाई फर्म बदलनी पड़ती है। ताकि परीक्षा की गोपनीयता बनी रही। इसी साल यूनिवर्सिटी ने नई फर्म को काम दिया था। परीक्षा नियंत्रक भी कार्यकारी ही लगा रखा है, उन्हें भी परीक्षा कराने का अनुभव नहीं था। इसके चलते पिछले तीन पेपरों में लगातार गड़बड़ी हो रही है। दो दिन पहले भूगोल-ऑनर्स और कॉमर्स के कंप्यूटराइज्ड अकाउंटिंग के पेपर में भी पुराना पेपर बंटा। इनमें परीक्षार्थी कम थे तो यूनिवर्सिटी प्रशासन लापरवाही दबाने में कामयाब रहा। मगर सोमवार को परीक्षार्थी ज्यादा होने से पोल खुल गई। सोमवार को ही दूसरी पारी में हुए बीएससी सेकंड ईयर मैथ्स के पेपर में गड़बड़ी हुई। कॉमर्स कॉलेज सेंटर पर परीक्षा शुरू होने के 5 मिनट बाद पेपर पहुंचाया गया।
जिले भर में परीक्षा केंद्रों से मैसेज आने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन चेता जब वजह पता कराई तो सामने आया कि बीए थर्ड ईयर की नए सिलेबस का पेपर ही नहीं बनवाया गया। इसलिए प्रेस से छपाई भी नहीं हुई। ऐसा कई विषयों के पेपरों में हुआ है।