गोविन्दगढ़ सीएचसी मे मिली भारी अनियमिताए :SMO बोले कराएंगे FIR
गोविन्दगढ़, अलवर
राजस्थान चिकित्सा विभाग में एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस) ले रहे चिकित्सको की सूची सभी पीएचसी-सीएचसी,जिला, उपजिला, सैटेलाइट हॉस्पिटल में चिपकाने के निर्देश दिए थे और यही नही इन डॉक्टरों की रैंडम जांच करने के भी निर्देश दिए गए हैं। ताकि अगर कोई डॉक्टर एनपीए लेने के बाद भी प्राइवेट प्रैक्टिस करता मिला तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सके।
लेकिन गोविन्दगढ़ (अलवर) स्थित सीएचसी में यह सूची केवल कुछ दिन ही नजर आई और उसे वहां से हटा दिया गया। जिससे सीएचसी में आने वाले मरीजों को एनपीए (नॉन प्रैक्टिस अलाउंस)लेने वाले डॉक्टरों की जानकारी नही मिल सके। वैसे तो यहाँ 8 डॉक्टर नियुक्त है ओर सभी एनपीए ले रहे है लेकिन एनपीए लेने के बाद भी यहाँ अवैध वसूली जारी है यही नही उच्च अधिकारियों के सीएचसी में निरक्षण के दौरान भी डॉक्टर के द्वारा अवैध वसूली की शिकायत भी की गई । हालात यह है कि सीएचसी 2 बजे बाद बंद होने पर ड्यूटी बोर्ड लगा नही होने से मरीजों को किस डॉक्टर की ड्यूटी यह पता ही नही होता। लेकिन 10 बेड का जनरल वार्ड प्रतिदिन 24 घण्टे में लगभग 200 से 225 मरीजों के ड्रिप जरूर लगा देता है। वह भी केवल एक नर्सिंग कर्मचारी होने पर। ओर ओपीडी में प्रतिदिन 700 से 800 मरीज सीएचसी में पहुच रहे है और फिर बाद में डॉक्टरों के क्लिनिक या क्वार्टर पर लेकिन उनका इलाज सीएचसी के जनरल वार्ड में हो रहा है जहाँ उनकी एंट्री भी केवल खानापूर्ति के लिए हो रही है।
क्या है एनपीए :-
सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी चिकित्सक एनपीए ले सकता है। राज्य सरकार अभी डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी राशि एनपीए के रूप में देती है। लेकिन इसके बाद चिकित्सक नियमों के चलते वह क्लिनिकल प्रेक्टिस नहीं कर सकता है। यानी ऐसे चिकित्सक जो अपने निजी क्लीनिक पर मरीजों को देखते हैं लेकिन वह मरीजों से फीस नहीं ले सकते है। यानी नि:शुल्क जांच करनी होगी। अपनी पर्ची पर नि:शुल्क परामर्श की सील लगानी होगी। निदेशालय के निदेशक की ओर से जारी आदेशों में स्पष्ट लिखा है कि एनपीए लेने वाले डॉक्टर अगर घर या निजी क्लिनिक में प्रैक्टिस करते पाए गए तो उनके खिलाफ संयुक्त निदेशक, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी या सीएमएचओ कार्यवाही करेंगे। अगर इनमें से कोई डॉक्टर इस तरह की लापरवाही करता है तो उनके खिलाफ निदेशालय स्तर से कार्यवाही की जाएगी।
जनरल वार्ड मे नही ड्यूटी बोर्ड-
गोविन्दगढ़ सीएचसी के जनरल वार्ड मे यू तो 10 बेड है लेकिन यहाँ प्रतिदिन मरीजो की संख्या उपजिला अस्पताल जितनी होती है हेरत की बात तो यह है कि जनरल वार्ड मे ड्यूटी बोर्ड नजर नही आता है ओर मरीजो को वहाँ के कर्मचारी से ड्यूटी डॉक्टर का नाम पुछना पड़ता है । नहीं तो वह मरीज तब भटकता रहता है । नर्सिंग कर्मचारी सुनील कुमार ने बताया कि जनरल वार्ड मे प्रतिदिन 2 बजे तक ही नही इसके बाद भी मरीजो कि संख्या मे कोई कमी नही आती है ओर जैसे जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है यहा 10 बेड के वार्ड मे लगभग 200 से 225 मरीजो को ड्रिप चढ़ाई जा रही है ।
सीएचसी प्रभारी डॉ मंगतूराम चौधरी का कहना है कि मेरे कल संग्यान मे आया कि बोर्ड यहाँ से हट गया या गायब हो गया है तो हम इसके लिए कार्यवाही कर रहे है ओर इसमे FIR करवाएँगे इसके लिए ओर देखेंगे कि ये क्यों हटाया गया । एनपीए ले रहे डॉक्टर कही भी मरीज से पैसे नहीं ले सकते है अगर ऐसा कही भी होता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है ।