जिले में अत्यधिक गर्मी व लू ताप की सम्भावना
जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव द्वारा एडवाइजरी जारी कर पालना करने का किया आहृवान
भरतपुर, 07 मई। जिले में अत्यधिक गर्मी के कारण लू एवं ताप की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग व जिला प्रशासन द्वारा बचाव के लिए आम नागरिकों के लिए एडवाईजरी जारी करा पालना करने का आहृवान किया है।
जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने बताया कि सभी नागरिक गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पिये, अपने आप को हाइट्रेटेड रखने के लिए ओआरएस, घर के बने पेय जैसे लस्सी, नीबूं का पानी, छाछ आदि का सेवन करे। हल्के रंग के, ढीले, सूती कपड़े पहनें। उन्होंने बताया कि यदि कही बाहर जाना हो तो अपना सिर ढकने के लिए कपड़े, टोपी या छतरी का उपयोग करे। आंखों की सुरक्षा के लिए धूप के चश्मे का प्रयोग करें और त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन लगाये। उन्होंने बताया कि बंद वाहन में बच्चों या पालतू जानवरों को कभी अकेला ना छोडे। सार्वजनिक परिवहन और कार-पूलिंग का उपयोग करे। यह भूमण्डलिय ऊष्मीकरण और गर्मी को कम करने में मदद करेगा।
उन्होंने आम नागरिकों को आगामी बरसात के समय अधिक से अधिक पेड़ लगाने, जल स्त्रोतों का संरक्षण करने का आहृवान किया है साथ ही सूखी पत्तियों, कृषि अवशेषों और कचरे को नहीं जलाएँ। उन्होंने बताया कि कुशल उपकरणों, स्वच्छ ईधन और ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोंतो का उपयोग करें। अगर किसी व्यक्ति को चक्कर आ रहे है या अस्वस्थ महसूस कर रहे है तो तुरन्त डॉक्टर के पास लेकर जाये या तुरन्त डॉक्टर के पास जाने के लिए कहें।
लू तापघात के लक्षण
जिला कलक्टर ने बताया कि लू तापघात से कोई भी व्यक्ति प्रभावित हो सकता है लेकिन बच्चे, वृद्ध एवं गर्भवती महिलाओं का लू से प्रभावित होने की सम्भावना अधिक रहती है। उन्होंने बताया कि सिर का भारीपन, सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, शरीर में थकावट, जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना आदि लू लगने के लक्षण हैं।
लू से प्रभावित व्यक्ति के उपचार के लिए-
डॉ. यादव ने बताया कि लू से प्रभावित व्यक्ति के तापमान को कम करने के लिए पीडित के सिर पर गीले कपड़े का उपयोग करे/पानी डाले। व्यक्ति को ओआरएस, नीबू, शरबत या जो कुछ भी शरीर को पुनः सक्रिय करने के लिए उपयोगी हों, पीने के लिए दे। उन्होंने बताया कि व्यक्ति को तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाये। यदि लगातार उच्च तापमान बना रहता है और सिरदर्द, चक्कर आना, कमजोरी, मतली या भटकाव आदि के लक्षण स्पष्ट महसूस हो तो ऐसी स्थिति में 100 नं पर कॉल करे।
*श्रमिकों के लिए-*
जिला कलक्टर ने बताया कि नियोक्ता श्रमिक के लिए कार्य स्थल पर ठंडे पेयजल का प्रबंध करे। सभी श्रमिकों के लिए आराम के लिए छाया, साफ पानी, छाछ, आइस-पैक के साथ प्राथमिक चिकित्सा किट और ओआरएस का प्रबंध रखे। श्रमिक सीधी धूप से बचें तथा श्रमसाध्य कार्यों को दिन के कम ताप वाले समय में ही करे।
नया घर बनाते समय-
जिला कलक्टर ने बताया कि नया घर बनाते समय नियमित दीवारों की बजाय कैविटी तकनीक का उपयोग करें। घर को ठंडा रखने के लिए चौडी दीवारें बनवाएं। दीवारों को रंगने के लिए प्राकृतिक सामग्री जैसे चूने या मिट्टी का उपयोग करें। यदि संभव हो तो कांच के इस्तेमाल से बचे।
मवेशी के लिए-
जिला कलक्टर ने बताया कि पशुपालक पशुओं को छाया में रखें और उन्हे पीने के लिए पर्याप्त, स्वच्छ और ठंडा पानी दे। पशुओं से सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे के बीच काम न लें। शेड की छत को पुआल से ढक दे, तापमान कम करने के लिए इसे सफेद रंग, चूने से रंग दे या गोबर से लीप दें। उन्होंने सलाह दी है कि अत्यधिक गर्मी के दौरान, पानी का छिडकाव करे और मवेशियों को ठंडा करने के लिए एक जल निकाय पर ले जाए। उन्हे हरी घास, प्रोटीन-वसा बाईपास पूरक, खनिज मिश्रण और नमक दें। कम गर्मी वाले घंटों के दौरान उन्हे चरनें दें।
क्या न करें-
जिला कलक्टर डॉ. यादव ने आमजन से आहृवान किया है कि धूप में बाहर जाने से बचे, खासकर दोपहर 12 और 3 बजे के बीच। नंगे पांव बाहर न जायें। दिन के सबसे गर्म समय के दौरान खाना पकाने से बचे। उन्होंने बताया कि खाना पकाने वाले हिस्से को हवादार बनाए रखने के लिए दरवाजे और खिडकियां खुली रखे। शराब, चाय, कॉफी और कॉर्बाेनेटेड शीतल पेय से बचें। अधिक प्रोटीन वाला एवं बासी भोजन ना करे।
---00---