नवरात्रि में नौ देवियों की होती है पूजा
नौगावां ,अलवर
मंदिर में शिव परिवार, भैरों बाबा, हनुमानजी, विष्णु भगवान भी है विराजमान कई राज्यों के भक्त आते है माता के दर्शन को।
अलवर जिले के नौगावां तहसील से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित गांव नंगला चिरावडा में पहाड़ों पर विराजमान है श्री श्री 1008 श्रीमन्शा देवी। मंदिर 60 वर्ष से भी अधिक पुराना है। मन से मांगी हर मुराद पूरी होती है मनसा माता के दरबार में इसी कारण मन्दिर का नाम रखा मंशा माता मन्दिर। मन्दिर को देवी का थान के नाम से भी जाना जाता है।
मन्दिर में विराजमान है नौ देवियों का स्वरूप
मंशा माता मंदिर में 9 देवियां विराजमान हैं- 1 -शैल पुत्री, 2- बह्मचारिणी माता, 3- चंद्रघंटा 4 -मंशा माता 5- स्कंदमाता 6 कात्यायनी माता 7- कालरात्रि - सिद्धीदात्री 9 - महागौरी
साथ में 56योगिनी, 52 भैरों, लांगर वीर जी, पांचवीर जी और भैरों जी भी मन्दिर में विराजमान है। नवरात्री के नौ दिनों तक माता के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
आस्था का केन्द्र है देवी का थान वाला मन्दिर
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार मंशा माता लोगो की आस्था का केन्द्र है। जो भी माता के मन्दिर में जाकर मन्नत मांगता है। माता उसकी मन्नत जरूर पूरी करती है। जिन दंपतियों की सतान नहीं हो रही थी, माता के आशीर्वाद से उन दंपतियों को 50 से 60 वर्ष की उम्र में संतान सुख की प्राप्ति हुई है। लोग अपने बच्चे का मुंडन भी माता के मन्दिर में आकर करवाते है। यहां तक की लोग नशा मुक्ति के लिए भी माता से मन्नत मांगते है। और लोगो का ही कहना है कि मन से मांगी हर मुराद पूरी करती है मंशा माता ।
साल में दो बार भरता है माता का मेला
मन्दिर में चैत्र नवरात्रे व शरद नवरात्रें में दो बार मेला भरता है। मेले में लाखों की संख्या में बच्चें, महिलाएं एवं पुरूष एवम बुजुर्ग माता के दर्शन के लिए हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, चण्डीगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थानसहित देश के अन्य राज्यों से आते है।
दुर्गाष्टमी पर होता है विशाल जागरण
दुर्गा अष्टमी पर रात्रि को विशाल जागरण का आयोजन किया जाता है। जागरण फरीदाबाद के भक्तों के द्वारा किया जाता है और जागरण के पार्टी भी फरीदाबाद से ही आती है। साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।
करीब 14 लाख की लागत से बना है मन्दिर का मुख्य द्वार
मंशा माता मंदिर का मुख्य द्वार करीब 14 लाख रूपए की लागत से बनाया गया है।
मुख्य द्वार का निर्माण वृंदावन के करीगरों द्वारा किया गया है। और मुख्य द्वार पर कोलकाता के कारीगरो द्वारा भव्य नक्काशी की गई है। मंदिर के पास ही एक हॉल का निर्माण किया गया है जहां एक साथ हजारों श्रदालु प्रसाद ग्रहण कर सकते है।
31 सदस्यों की कमेटी करती है मन्दिर का संचालन
मंशा माता मन्दिर का संचालन दुर्गा मन्शा महारानी विकास सेवा समिति के द्वारा किया जा रहा है। जिसमे अध्यक्ष हरचन्द गुर्जर उपाध्यक्ष रामखिलाडी, सचिव जगदीश एवं कोषाध्यक्ष सुन्दर सिंह सहित 31 सदस्य शामिल है।
दिल्ली से आए माता के भक्त संदीप रावल ने बताया की वह हर नवरात्री पर परिवार सहित माता के दर्शन के लिए आते है। पिछले 51 वर्षो से वह माता के दर्शन के लिए आ रहे है। माता से उन्होंने जो भी माँगा है माता ने उनकी हर मुराद पूरी की।
फ़रीदाबाद से आते माता के भक्त आनंत प्रकाश अधलक्खा ने बताया की वो पिछले 25 सालो से सपरिवार माता के दर्शन करने आते है। उन्होंने बताया की उन्होंने यहाँ माता के साक्षात दर्शन किए है। सामने पहाड़ी पर माता की सात ज्योतो के दर्शन किए। माता के शेर ने भी दर्शन दिए जो माता की ज्योतो के आगे शीश झुकाकर चले गए। बिना मांगे माता हमारी मुराद पूरी करती है।