गाँव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में 1857 कि वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई की पुण्यतिथि पर किया नमन
गुभाना (हरियाणा) गाँव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में महान स्वतंत्रता सेनानी 1857 की वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई को समिति सदस्यों और ग्रामीणों में उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक ने रानी लक्ष्मी बाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि लक्ष्मी बाई का नाम वीरांगना के तौर पर दर्ज है अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई मैं उनके बहादुरी के किसे कविताओं ओर लोक गीतों में गाए जाते है बच्चों की जुबान पर उनके साहस और वीरता के किस्से मशहूर है अपनी मातृभूमि के लिए उन्होंने अपना बलिदान देने में भी गुरेज नहीं किया मात्र 14 साल की आयु में शादी होने के बाद बड़ी जिम्मेवारी निभाने पर मजबूर होना पड़ा स्वतंत्रता संग्राम में लक्ष्मी बाई ने सवंय को साबित किया कि किसी भी सुरत मे महिलाएँ पीछे नहीं है सदस्यों ने रानी लक्ष्मी बाई को नमन किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया इस अवसर पर सूबेदार मेजर सुरेश कुमार जय भगवान प्रधान ए टी आई रामकुमार सत्यवान अमन फूल कुमार समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक मौजूद रहे