आरजी कर मामले में कोर्ट में एक आरोपी संदीप घोष और ताला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को विशेष सीबीआई अदालत में पेश किया गया। वकीलों ने उनकी ओर से जमानत की अर्जी दी। लेकिन सुनवाई के बीच में ही वकीलों के विरोध से कोर्ट रूम में हंगामा हो गया। सीबीआई के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि थाने में जानकारी बदल दी गई।दस्तावेज़ को संशोधित किया गया है। थाने में कुछ दस्तावेज पेश किये गये हैं। वहीं, सीबीआई की इस शिकायत के बाद काफी हंगामा हुआ। बंद कमरे में सुनवाई की अर्जी पर आज सीबीआई की ओर से जानकारी दी गई है। अभिजीत मंडल के वकील ने आज जमानत के लिए अर्जी दी। आज सीबीआई की ओर से जेल हिरासत का अनुरोध किया गया है। ताला थाने के पूर्व ओसी ने दावा किया कि उन्हें घटना के दिन सुबह साढ़े नौ बजे खबर मिली और वे साढ़े दस बजे गये। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ धारा नहीं जोड़ी गई। उन्होंने दावा किया कि भले ही यह साजिश का आरोप है, लेकिन यह जमानती भी है। पूर्व ओसी ने सवाल किया, मामले में नियमानुसार गिरफ्तारी से पहले पुलिस से अनुमति नहीं ली गयी। नोटिस मिलने के बाद वह सात बार उपस्थित हुए, दो बार मौखिक रूप से बुलाया गया और फिर भी चले गए।
गिरफ्तारी किस आधार पर हुई, इसकी जानकारी अभी नहीं दी गई है। इस बीच, आरजी टैक्स के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के वकील ने दावा किया कि अगर कॉलेज में कुछ होता है, तो एफआईआर दर्ज करना प्रिंसिपल की जिम्मेदारी हैऔर अगर अस्पताल में कुछ होता है, तो यह प्रिंसिपल की जिम्मेदारी है।
इसी सवाल-जवाब के बीच जबरदस्त विरोध शुरू हो गया। बार एसोसिएशन की ओर से फैसला लिया गया है कि आरोपियों की ओर से कोई भी केस नहीं लड़ेगा। उस मुद्दे पर वकीलों के एक समूह ने विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद सीबीआई के वकील ने 'इन कैमरा' सुनवाई के लिए आवेदन किया। इस दिन सीबीआई के वकील ने कहा, जिस तरह से कोर्ट के अंदर विरोध प्रदर्शन हो रहा है, ये दुर्लभतम मामलों में से एक है।