CM ने दिया कोचिंग-लाइब्रेरी संचालकों को अल्टीमेटम: कहा- नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
जयपुर सहित राजस्थान के बड़े शहरों में बिल्डिंग बायलॉज को लागू कराने वाले विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। कई शहरों में तो कोई सर्वे तक नहीं कराया गया है। इससे पहले गुजरात के गेमिंग जोन में हुई घटना के बाद जरूर जयपुर सहित कुछ शहरों में जांच शुरू हुई थी। इसके बाद फिर से विभागीय अफसर शांत बैठ गए। अब दिल्ली में हुई घटना के बाद अफसर एक बार फिर से जागे हैं।
जयपुर (राजस्थान) दिल्ली स्थित कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबकर हुई छात्रों की मौत के बाद राजस्थान सरकार भी अलर्ट मोड में आ गई है। सीएम भजनलाल शर्मा ने साफ कहा है- नियमों की अनदेखी करने वाली संस्थाओं-व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। डिपार्टमेंट ऑफ लोकल बॉडीज (DLB) ने बिल्डिंग बायलॉज के नियमों को लागू कराने को लेकर मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। तय समय (15 दिन) में भी हालात नहीं सुधरे तो संबंधित संस्थानों को सील किया जाएगा।
दिल्ली में कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में हुए दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत व्यथित करने वाला है।
इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से, हमारी सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में जन सुरक्षा… — Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) July 31, 2024
कोटा में बिना परमिशन के बेसमेंट पर चल रही थी 22 लाइब्रेरी सील
कोटा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया- शहर के जवाहर नगर, दादाबाड़ी, लैंडमार्क एरिया और कोरल पार्क में मंगलवार को चेकिंग की गई थी। बेसमेंट में बिना परमिशन के लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था। यहां किसी तरह की गाइडलाइन का भी पालन नहीं हो रहा था। बेसमेंट में चल रही ऐसी 22 लाइब्रेरी को सील किया गया है।
फोटो कोटा के दादाबाड़ी इलाके की है। फायर ब्रिगेड की टीम जब पहुंची तो यहां बिना परमिशन के बेसमेंट में लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा था।
कोटा में बिना परमिशन के बेसमेंट पर चल रही थी 22 लाइब्रेरी सील
मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर अचानक गोपालपुरा बाइपास स्थित कोचिंग सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचीं थीं। क्लासरूम से लेकर बेसमेंट और अन्य सेक्शन को देखा था। फायर एनओसी नहीं मिलने के कारण गुरुकृपा और कलाम कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया था। साथ ही मानसरोवर जोन उपायुक्त और फायर उपायुक्त को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कलाम कोचिंग के हॉल में 800 से ज्यादा बच्चे बैठे थे। हॉल में आने-जाने के लिए एक ही गेट था। कोई इमरजेंसी गेट नहीं था।
इन नियमों का करना होगा पालन
- मल्टी स्टोरी और हाईराइज बिल्डिंग में ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने और बाहर जाने के लिए मुख्य और वैकल्पिक रास्ते (सीढ़ियों) के अलावा बेसमेंट के लिए भी वैकल्पिक रास्ता होना जरूरी है।
- कॉमर्शियल इस्तेमाल होने पर बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर पर निकास के लिए 15 मीटर से अधिक न चलना पड़े। अगर वहां फायर इक्विपमेंट लगे हुए हैं तो निकास के रास्ते को 22.5 मीटर तक लंबा रखा जा सकता है।
- बेसमेंट में किसी भी तरह के ज्वलनशील और हानिकारक पदार्थ को स्टोर नहीं किया जा सकेगा।
- अग्निशमन सुरक्षा के लिए एनबीसी (नेशनल बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया) के प्रावधानों का पालन करते हुए स्थानीय निकाय के अग्निशमन अधिकारी की ओर से कॉमर्शियल कॉम्पलेक्स, सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स, शैक्षणिक और हॉस्पिटल के भवन, कोचिंग सेंटर, हॉस्टल (छात्रावास), होटल, रेस्टोरेंट, ऑडिटोरियम (सभागार) का नियमित निरीक्षण कर नियमों को सख्ती से लागू कराया जाए।
- प्रदेशभर में जहां भी निरीक्षण के दौरान अग्निशमन सुरक्षा में कमी या फिर लापरवाही पाई जाती है तो अग्निशमन अधिकारी 15 दिन में बदहाल व्यवस्था को सुधारने का नोटिस जारी करें। अगर इसके बाद भी अग्निशमन सुरक्षा में कमी पाई गई तो संबंधित बिल्डिंग (भवन) को सील किया जाएगा।
- प्रदेशभर में जहां पर भी बेसमेंट में कॉमर्शियल गतिविधियां कोचिंग सेंटर, लाइब्रेरी का संचालन किया जा रहा है, वहां हवा और पानी के निकास की पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-
रेजिडेंशियल एरिया में ज्वलनशील पदार्थ का स्टोरेज और कॉमर्शियल एक्टिविटी का संचालन पूरी तरह से बंद करवाया जाएगा।
कोटा के चीफ फायर ब्रिगेड ऑफिसर राकेश व्यास ने बताया- सर्वे नहीं हुआ है। बेसमेंट का उपयोग ज्यादातर पार्किंग के लिए होता है। भवन मालिकों को पहले से यह निर्देश हैं कि बेसमेंट में किसी भी तरह की कोई व्यावसायिक गतिविधि न करें। दिल्ली हादसे के बाद अब सर्वे शुरू किया गया है। चेकिंग की जा रही है।
नगर निगम ग्रेटर के चीफ फायर ऑफिसर गौतम लाल ने बताया- मुझे जयपुर नगर निगम ग्रेटर में काम करते हुए फिलहाल 4 महीने हुए हैं। इस दौरान मैंने 6 गेम जोन और दो कोचिंग सेंटर को सील किया है। इसके साथ ही एक दर्जन से ज्यादा भवन मालिकों को नोटिस जारी कर फायर फाइटिंग सिस्टम दुरुस्त करने के लिए कहा गया था। दिल्ली हादसे को देखते हुए एक बार फिर से अभियान चलाया जाएगा। कोचिंग इंस्टीट्यूट को लेकर नगर निगम ग्रेटर ने एक स्पेशल कमेटी भी बनाई है। यह कमेटी कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण करके कार्रवाई करेगी।