बच्चों ने लिया नशामुक्त समाज बनाने व सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने का संकल्प
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
धोरीमन्ना उपखण्ड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पाबूबेरा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत योग चिकित्सा व स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कराया गया। जिसमें वरिष्ठ अध्यापक मोहनलाल चौधरी ने योगाभ्यास करवाते हुए बताया कि अनुशासन विद्यार्थी की पहली सीढ़ी है इसको अपनाने से ही सफलता के शिखर पर पहूंच सकते हैं।अनुशासित जीवन बनाने में योग का अहम् योगदान है इसलिए हमें हमेशा योगाभ्यास करना चाहिए इस दौरान बालपयोगी आसानों में ताङासन,वृक्षासन,गरूङासन, पद्मासन,अर्द्धचक्रासन,उष्ट्रासन, मयूरासन,प्राणायाम,सूर्य-नमस्कार का अभ्यास कराया गया और हमेशा योगाभ्यास के लिए प्रेरित किया गया। पर्यावरण सेवक व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने नशामुक्त समाज व सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की शपथ दिलाई व बताया कि नशा करने से आर्थिक नुकसान के साथ-साथ हमारा शारीरिक व मानसिक विकास रुक जाता है और हमें अनेक बीमारियां अपने नियंत्रण में कर लेती है जिसके कारण असामयिक मौत का भी सामना करना पङ सकता है इसलिए आपको इन बुरी प्रवृत्ति से बचना है तो उपस्थित सभी बच्चों ने नशा व सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने का संकल्प लिया।साथ ही विश्नोई ने पॉलिथीन के दुष्परिणाम से अवगत कराते हुए बताया कि पॉलिथीन के कारण भूमि बंजर होती जा रही है और पॉलिथीन खाने के कारण गौवंश काल कलवित होते जा रहें हैं व पर्यावरण में प्रदूषण की मात्रा दिनों-दिन बढ़ती जा रही है जिसके कारण हमारे सामने विकट परिस्थितियां उत्पन्न हो जायेगी।पॉलिथीन काम लेने के बाद हम उसे इधर-उधर फेंक देते हैं जो न तो सङती है और न ही खाद बनाती है कई वर्षों तक धरती पर वैसी की वैसी पङी रहती है जिसके कारण धरती पर फसल उगना बंद होता जा रहा है और पॉलिथीन में कोई वस्तु डालकर फेंक देते तो जीव जंतु उस वस्तु को खाने के लिए पॉलिथीन भी खा लेते हैं वो पॉलिथीन उनके पेट में जाकर अटक जाती है और वह जीव काल कलवित हो जाता है।इस दौरान उपस्थित अध्यापक मेघाराम चौधरी ने बच्चों को बताया कि शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई शिक्षण के साथ-साथ मानव सुधार व पर्यावरण संरक्षण के लिए दिन-रात तत्पर रहते हैं शिक्षण के बाद समय मिलते कोशिश पर्यावरण सेवक टीम के बैनर तले पूरे भारतभर में जागरूकता का संदेश देने के लिए निस्वार्थ भाव से विभिन्न मेलों व सामाजिक समारोहों में नशामुक्ति अभियान,सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्ति,भोजन को जूठन न छोड़ें इसके लिए जन-जागरूकता अभियान व पर्यावरण संरक्षण पर आधारित भव्य पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना व प्राचीन भारतीय संस्कृति को पुनर्जीवित करने हेतु लोगों को कांसे, तांबे व मिट्टी के बर्तन काम लेने हेतु प्रेरित करते हुए समारोह में तांबे के लोटों से जलपान कराते हुए मानव सुधार का संदेश देते हैं जो बहुत ही नेक व प्रेरणादायक कार्य है।इसके अलावा घायल वन्यजीवों का रेस्क्यू व गौमाता सेवार्थ के लिए भी तत्पर रहते हैं इनकी इन गतिविधियों के कारण राजस्थान सरकार के साथ-साथ अनेक राष्ट्रीय व राज्य स्तर की संस्थाओं द्वारा इन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है