गाँव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में सूर्य कवि पंडित लखमीचदं की जयंती पर किया नमन
गुभाना ,हरियाणा
गाँव गुभाना के लोकहित पुस्तकालय में सूर्य कवि पंडित लखमीचदं की जयंती पर समिति सदस्यों और ग्रामीणों ने पुष्प अर्पित कर नमन किया समिति अध्यक्ष नरेश कौशिक ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवा पीढ़ी को पंडित लख्मीचंद का नाम तो पता है लेकिन उन्हें यह भी पता होना चाहिए की एक अनपढ़ व्यक्ति ने अपने ज्ञान से 22 सॉन्ग काशी के शास्त्री टीकाराम से लिखवा थे पंडित लख्मीचंद सॉन्ग में रागनी बोलते थे और टीकाराम शास्त्री उन्हें लिखते थे दादा लख्मीचंद का जन्म जाटी कला गांव में 1901 में हुआ था वह भैंस चराने के लिए जाया करते थे एक दिन बसोदी गांव निवासी सागी मानसिंह जान्टी कला गांव आए थे मानसिंह जन्म से अंधे थे पंडित लख्मीचंद को पंडित मानसिंह को देखकर ही संगीत का शौक हुआ था वे अनपढ़ थे इसलिए लिख नहीं सकते थे वह पंडित टीकाराम शास्त्री को लेकर आए पंडित लख्मीचंद ने ऐसी रचनाएं की जो आज के युग में सार्थक हो रही है अनपढ़ होते हुए उन्हें चारों वेदों का ज्ञान था देश में युवा अब उनकी रचनाओं पर पीएचडी कर रहे हैं 42 साल की उम्र में 17 अक्टूबर 1945 में उनका निधन हो गया इस अवसर पर सूबेदार मेजर सुरेश कुमार जय भगवान प्रधान पहलवान रामकुमार नवीन कौशिक सत्यवान अमन दीपक फूल कुमार ने पुष्प अर्पित कर नमन किया