टीचरों ट्रांसफर बैन के आदेश जारी: मध्य सत्र में नहीं होंगे तबादले, जीरो एनरोलमेंट वाले स्कूल बंद
कैबिनेट ने 25 जुलाई को हुई बैठक में मध्य सत्र में शिक्षकों के तबादले न करने का फैसला लिया है। मध्य सत्र में तबादलों से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं, अधिकांश शिक्षक सालभर बच्चों को पढ़ाने के बजाय तबादले के लिए सचिवालय और शिक्षा निदेशालय के चक्कर काटते रहते हैं।
खासकर राजनीतिक रसूख वाले शिक्षकों में शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में तबादला करवाने की होड़ मची रहती है। इसे देखते हुए सरकार ने अब शिक्षकों के तबादले साल में एक बार ही करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षकों के तबादले शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही हो जाएंगे। प्रदेश के शीतकालीन बंद स्कूलों में शैक्षणिक सत्र फरवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है, जबकि ग्रीष्मकालीन बंद स्कूलों में सत्र एक अगस्त से शुरू होता है। इसलिए अब शिक्षकों को तबादले के लिए एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा।
89 प्राथमिक, 10 मिडिल स्कूल बंद करने के आदेश
- कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षा सचिव ने शून्य नामांकन वाले 89 प्राथमिक और 10 मिडिल स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसी तरह, जिन प्राथमिक स्कूलों में 5 या उससे कम बच्चे हैं और 2 किलोमीटर के दायरे में एक अन्य स्कूल है, उन्हें बगल के स्कूल में मर्ज किया जाएगा। जिन मिडिल स्कूलों में 5 या उससे कम बच्चे हैं और 3 किलोमीटर के दायरे में एक अन्य मिडिल स्कूल है, उन्हें बगल के स्कूल में मर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।
स्कूल के मुखिया को भी पढ़ाना होगा
- शिक्षा सचिव ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि स्कूलों में हेडमास्टर, प्रिंसिपल, सेंटर हेड टीचर (सीएचटी), हेड टीचर को पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। इन आदेशों के बाद स्कूल के मुखिया को प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाना भी होगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।
- शिक्षा सचिव ने सभी स्कूलों में 15 मिनट तक व्यायाम जरूरी अनिवार्य कर दिया है। प्रत्येक स्कूल में रोजाना राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के साथ साथ ऐ मालिक तेरे बंदे हम... इतनी शक्ति हमे दे न दाता... प्रार्थना को अनिवार्य कर दिया गया है।