दिवाली की तारीख को लेकर लोगों में असमंजस
वर्ष 2024 मे दीपावली मनाने को लेकर लोगों में असमंजस बना हुआ है। दिवाली प्रकाश का पर्व और बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इसे दिपावली कहा जाता है। दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह कार्तिक मास की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास, के बाद वापस अयोध्या आए थे। इस साल दिवाली की डेट को लेकर बड़ा कंफ्यूजन बना हुआ है। पंचांग में दिवाली की तारीख को लेकर अलग-अलग मत हैं।
कब मनाई जाएगी दिवाली - दिवाली कार्तिक कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। अबकी बार अमावस्या तिथि का आरंभ 31 तारीख को दोपहर में 3 बजकर 22 मिनट पर शुरू हो रहा है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि विश्वविद्यालय पंचांग और ऋषिकेश पंचांग के अनुसार 31 तारीख को 3 बजकर 22 मिनट पर अमावस्या तिथि आरंभ होगी और 1 नवंबर को शाम में 5 बजकर 23 मिनट पर अमावस्या तिथि समाप्त होगी। इस वजह से 1 तारीख को अमावस्या तिथि प्रदोष और निशिथ काल को स्पर्श नहीं कर रही है। जबकि 31 को प्रदोष काल से लेकर निशीथ काल तक व्यापत रहेगी। शास्त्र सम्मत रुप से 31 अक्टूबर के दिन दिवाली उत्सव और लक्ष्मी पूजन करना उत्तम फलदायी रहेगा। क्योंकि, दिवाली का पर्व तभी मनाना उत्तम है जब प्रदोष से लेकर निशिथ काल तक अमावस्या तिथि रहती है।
धनतेरस से दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इसके बाद छोटी दिवाली जिसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। छोटी दिवाली के बाद बड़ी दिवाली का पर्व मनाया जाता है। दिवाली पूजन के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा के बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा। 5 दिनों तक यह पर्व चलते हैं।
दिवाली का महत्व - दिवाली के दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आए थे। इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही भगवान राम के आने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं।
- कमलेश जैन