प्रदूषण से हल्का पडने लगा प्याज का लाल रंग किसानों में बढ़ी चिंता
लक्ष्मणगढ़ (अलवर) कमलेश जैन
उपखंड क्षेत्र में लाल प्याज का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है। जिले मेंअलवर में लाल प्याज की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन दिल्ली के प्रदूषण से प्याज का लाल सुर्ख रंग कम हो रहा है।
उपखंड क्षेत्र मे प्याज उत्पादकों की लाल प्याज का रंग बदलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। पिछले 2 दिनो मे छाहे बादल कोहरे के चलते प्याज उत्पादक लक्ष्मणगढ़ उपखंड क्षेत्र के मौजपुर चिमरावली शहदका जोना खेड़ा रसूलपुरआदि के किसानों की चिंता बढ़ गई । दिल्ली के प्रदूषण ने प्याज उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। प्याज उत्पादक रहीम खान ने बताया कि महाराष्ट्र के नासिक के बाद अलवर में लाल प्याज की सबसे ज्यादा पैदावार रहती है। इस बार क्षेत्र में लाल प्याज की बंपर पैदावार हुई है, लेकिन दिल्ली के प्रदूषण से प्याज का लाल सुर्ख रंग कम हो रहा है।
कोहरे के चलते लाल प्याज की गुणवत्ता तथा उसके रंग पर विपरीत असर पड़ रहा है। इसे लेकर हम लोग किसान परिवार दिन और रात प्याज के खेतों में ही रहकर उनको साफ, स्वच्छ करके कट्टे प्लास्टिक के बैग में भरकर बेचने में लग रहे हैं। प्याज के बड़े उत्पादक के तौर पर जाने वाले मालाखेड़ा और लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र में पिछले दो दिनों मे लगातार कोहरा पड़ा है। सूर्य का ताप भी मंद पड़ गया है। इसे लेकर प्याज के लगी हुई मिट्टी को सूखने में समय लग रहा है। किसानों का कहना है कोहरे व मौसम में नमी के चलते प्याज का लाल रंग हल्का पड़ने लग गया।
जानकारों के मुताबिक सुर्ख लाल रंग नहीं रहने से व्यापारी बोली में कम दाम लगाते हैं। इससे नुकसान हो रहा है। किसानों के मुताबिक प्याज की आवक दिनों दिन अधिक हो रही है, लेकिन मौसम में बदलाव के चलते किसान व व्यापारी दोनों में चिंता है।
जानकारों के मुताबिक क्षेत्र में मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण का असर दिखाई देने प्रदूषण के चलते प्याज फसलों पर प्रभाव पड़ा है। मौसम के विपरीत होने से फसल के लिए नुकसानदायक है। कोहरा व प्रदूषण की धुंध फसलों के लिए नुकसानदायक माना जा रहा है। जो कोहरा छाया , उससे प्याज की फसल में काफी नुकसान हुआ है। उपखंड क्षेत्र में प्रदूषण कोहरा हरियाणा, दिल्ली की ओर से आ रहा है।