धूमधाम से मनाई दिवाली, सजावट के साथ जगमग रहा महुवा नगर पालिका क्षेत्र
महुवा (1 नवंबर / अवधेश अवस्थी) महुआ उपखंड मुख्यालय सहित क्षेत्र में गुरुवार सहित शुक्रवार को लोगों ने धूमधाम से दीपावली का त्यौहार मनाया वही महुवा विधायक राजेंद्र प्रधान के दिशा निर्देशन में नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुरेंद्र मीणा द्वारा महुवा कस्बे के मुख बाजार रोड सहित मंदिरों पर भारी सजावट कर लोगों को दीपावली के अवसर पर राम श्याम करते हुएबधाई देते हुए विधायक राजेंद्र प्रधान ने मुख्य बाजार सहित गांव में जनसंपर्क कर बधाई दी
समाजसेवी हर्षवर्धन अवस्थी ने बताया किदीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, भारत के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह पर्व प्रकाश के अंधकार पर विजय, अच्छाई की बुराई पर जीत और ज्ञान के प्रसार का प्रतीक है। इस दिन जहां लक्ष्मी गणेश सरस्वती मां की पूजा की जाती है वहीं अनेक स्वयं से भी संगठनों सहित समाज से भी हर्षवर्धन, गौ पुत्र अवधेश अवस्थी के नेतृत्व में झुग्गी झोपड़िया में रहने वाले बच्चों सहित उनके परिवार जनों गरीब लोगों के साथ हर्षोल्लास के साथ दिवाली की बधाई देते हुए दिवाली का त्यौहार एक दूसरे का मुंह मीठा करा कर मनाया इस अवसर पर पटाखे फोड़े गए
दीवाली का त्योहार गुरुवार को महुवा में उल्लास व उमंग के साथ मनाया गया। त्योहार को लेकर चहुंओर खुशी का माहौल रहा। शाम होते ही पूरा महुआ रोशनी से जगमगा उठा। इस मौके पर घर एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के साथ ही कार्यालयों में लक्ष्मी-गणेश का पूजन-अर्चन किया गया। घर एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को दीए एवं बिजली की आकर्षक झालरों से रोशन किया गया था। शाम होते ही आतिशबाजी का जो सिलसिला शुरू हुआ वह देर रात तक जारी रहा। हर किसी के चेहरे पर पर्व का उल्लास देखते ही बन रहा था। महुआ नगरपालिका की ओर से क्षेत्र के मुख्य स्टैंड, बाजार और अन्य मुख्य जगहों पर सजावट पहले से ही की जा चुकी थी।
शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में दीवाली परंपरागत ढंग से मनाई गई। पर्व पर शुभ, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश और धन, धान्य और समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पूजन-अर्चन के लिए महिलाएं एवं घर के लोग घर की साफ- सफाई एवं धुलाई के लिए सुबह से ही जुट गए थे। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की सफाई का काम भी शाम तक पूरा कर लिया गया। घर एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को रंग-बिरंगी झालरों, दीयों, मोमबत्ती और फूलों आदि से सजाया गया था। इसके साथ ही बहुत से घरों के बागीचों एवं बारामदों में तरह-तरह की डिजाइनों की रंगोली बनाई गई थी। शाम को मुहूर्त में घरों एवं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजन-अर्चन किया गया। अधिकांश घरों में लोगों ने स्वयं पूजापाठ किया, तो कई लोगों ने पंडितों से हवन-पूजन करवाया। गृहिणियों ने मंदिरों एवं गंगा घाटों पर जाकर दीप जलाया। वहां से लौटने के बाद घरों में दीप और मोमबत्ती जलाई। दीयों, मोमबत्ती, एवं झालरों की रोशनी अनुपम छटा बिखेर रही थी।
महुआ में देर शाम तक वाहनों की डिलीवरी होती रही। सर्राफा दुकानों से सोने चांदी की खरीद हुई, इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानों पर सामान पैक हुए, गारमेंट दुकानों पर लाइनें लग गई, मिठाई दुकानों पर नंबर के लिए लोगों को इंतजार करना पड़ गया। अनुमान है कि अब तक तीन दिन में दीवाली का कारोबार कई करोड़ रुपये को पार कर गया है। किराना, परचून, मिठाई और गिफ्ट दुकानों संग फल-सब्जी मंडियों में खरीदारों की भीड़ लगी रही। लोगों ने सिक्कों के साथ ही शोपीस, बर्तन, पूजन के लिए लक्ष्मी गणेश, भगवान की मूर्तियां आदि अन्य सामग्री को चांदी में खरीदा। सबसे ज्यादा भीड़ आतिशबाजी की दुकानों पर रही। दिपावली की देर रात तक धूम-धड़ाका होता रहा।