अष्टमी -नवमी एक ही दिन कन्याओं की पूजा
हर साल नवरात्रि की अष्टमी व नवमी तिथि पर कन्याओं को जिमाया जाता है, जिसे कन्या पूजन कहते हैं। आज घर-घर कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित किया गया। मान्यताओं के अनुसार कन्या पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही साधक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। वहीं शारदीय नवरात्रि का पर्व कन्याओं का पूजन करआज समाप्त हो गया है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष शारदीय नवरात्रि 11 अक्तूबर को अष्टमी-नवमी एक साथ में मनाई गई ।
अष्टमी और नवमी एक दिन होने से ऐसे में आज मां महागौरी और देवी सिद्धिदात्री की पूजा की गई। इस दौरान दोपहर 12.06 तक अष्टमी तिथि व्रत का पारण किया गया इसके बाद की तिथि नवमी का पारण किया गया। इस दौरान धर्म अनुयायियों द्वारा घर घर कन्या पूजन के लिए पहले मां दुर्गा की आराधना की गई । फिर उन्हें हलवा पूरी का भोग अर्पित कर इसके बाद कन्याओं को भरपेट भोजन कराकर उपहार एवं दक्षिणा देकर देवी शक्तियों को विदा किया।
- कमलेश जैन