श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आन्दोलन के अमर शहीद रतन लाल सेन, सुरेश जैन की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित

भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) सेन युवा एकता मंच ने हुतात्मा दिवस पर 1991 में राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए रतन लाल सेन और सुरेश जैन को श्रद्धांजलि अर्पित की इस अवसर पर सेन युवा एकता मंच जिलाध्यक्ष अश्विनी कुमार ने बताया कि राम मंदिर आंदोलन में शहीद हुए वीरों का एक मात्र स्मारक भीलवाड़ा में स्थित है।
इस कार्यक्रम में प्रेम सेईवाल ने अपनी आँखों देखे हाल और उस समय के हालात और संघर्ष को याद करते हुए बताया कि रतनलाल सेन भीलवाड़ा के खामोर के रहने वाले हैं जब सेन राम मंदिर की स्थापना के आंदोलन में शहीद हुए थे, तब उनकी उम्र केवल 30 वर्ष थी। ये लादू लाल सेन और अनूप देवी के इकलौटे बेटे थे इस कारण परिवार ने इन्हें किसी भी तरह के आंदोलन में शामिल होने के लिए मना कर दिया था परिवार से मना होने के बाद भी सेन राम मंदिर के आंदोलन में शामिल हुए वह स्कूल के समय से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर 12 मार्च 1991 को राम मंदिर आंदोलन के लिए खामोर से भीलवाड़ा आए थे।
दूदाधारी मंदिर के पास हुए आंदोलन में पुलिस और कारसेवकों के संघर्ष में सेन को पुलिस की गोली लगी और वे शहीद हो गए भीलवाड़ा माणिक्य नगर माली खेड़ा में रहने वाले सुरेश जैन जब शहीद हुए तक उनकी उम्र मात्र 22 वर्ष थी 12 मार्च 1991 को भीलवाड़ा में मंदिर आंदोलन के दौरान मंदिर सौंपो, गद्दीछोड़ो आंदोलन के लिए जिले के कारसेवक सांगानेरी गेट पर एकत्रित होने शुरू हुए जिले भर से सैकड़ों रामभक्त दूधाधारी मंदिर के बाहर पहुंचे और रैली निकालने लगे लाठीचार्ज में कई कारसेवक घायल हुए।
इसी बीच पुलिस ने गोलियां चलानी शुरू की इसी में सुरेश की मौत हो गई उन्होंने कहा कि यह एक कठिन दौर था, लेकिन आज इस संघर्ष की बदौलत हम राम मंदिर को बनते हुए देख रहे हैं और हम प्रभु श्री राम के दर्शन उनके मंदिर में कर रहे हैं इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में संस्था के निम्न कार्यकर्ता उपस्थित थे विकास सेन,पांसल, तुषार सेन, महादेव सेन, रोहित सेन, दीपक सेन, ललित गंगवाल, सुरेश तंवर, शंकर जहाजपुरिया, दिनेश सईवाल, यशोवर्धन सेन, अभिषेक सेन, महावीर सेन, गोपाल सेन, सागर सेन, सुनील सेन, दिनेश सेन उपरेड़ा ओर सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे !!






