ट्यूबवेल की खुदाई के बाद फटी जमीन: देखते ही देखते समा गया ट्रक, प्रेशर से पानी के साथ निकली गैस
किसानों व रहवासी निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश
जैसलमेर के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के 27 बीडी में आए चक तीन जोरावाला माइनर में एक खेत में निजी ट्यूबवेल की करीब साढे आठ सौ फीट तक खुदाई के बाद उठ रहे पानी के फव्वरे की वजह से मशीन को वहां से नहीं हटाने के कारण मशीन जमीन मे धंस गई। फटी जमीन से अचानक पानी बाहर आने लगा. जमीन से तीन से चार फीट उठते हुए पानी गिरने लगा, जिसे देख मानो किसी ज्वालामुखी से लावा निकल रहा हो. पानी के साथ गैस और कीचड़ भी आने लगा. यह देख आस-पास कब इलाके में दहशत फैल गई.
वहीं, ट्यूबवेल की खुदाई कर रहे कर्मचारी और ग्रामीण वहां से दूर भाग गए. हादसा शनिवार को मोहनगढ़ इलाके के चक 27 बीडी के तीन जोरा माइनर के पास का है. जहां विक्रम सिंह के खेत में ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान सुबह 10 बजे ये हादसा हो गया. ट्यूबवेल की खुदाई के दौरान अचानक जमीन धंसने से करीब 22 टन मशीन लगा ट्रक 850 फीट गहरे गड्ढे में धंस गया. वहीं, फटी जमीन से अचानक पानी बाहर आने लगा. पानी का वेग इतना तेज था कि वहां गड्ढा हो गया है.
उप तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेट ललित चारण ने पानी के बढते हुए प्रेशर को मध्य नजर रखते हुए रहवासी मकान में निवासरत मुरब्बा मालिक सहित अन्य संबधित सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही आमजन को घटना स्थल के 500 मीटर की परिधि के भीतर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश न करने की हिदायत दी गई है। खुदाई में प्रयुक्त मशीन व अन्य सामान को बिना विशेषज्ञों की राय के हटाने का प्रयास नहीं करने के निर्देश दिए गए। साथ ही घटना स्थल पर अस्थाई चौकी बनाई गई है। तेल गैस कंपनी ONGC के अधिकारियों से बातचीत की जा रही है, ताकि उनकी टीम मौके पर आए तो कुछ निस्तारण हो. फिलहाल, मौके पर गैस की बदबू आ रही है. गड्ढे में ट्रक फंसा है और गड्ढे से कीचड़, पानी और गैस निकल रही है.
बिना स्वीकृति के हो रही थी खुदाई - जानकारी के मुताबिक ट्यूबवेल की खुदाई बिना प्रशासनिक स्वीकृति के की जा रही थी। खुदाई के दौरान ट्यूबवेल मशीन तक जमीन में धंस गई। प्रशासन ने इसे गंभीर लापरवाही बताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वहीं, खेत में पानी का तेज़ बहाव शुरू होने के कारण आसपास के कई घरों में पानी भर गया है। ग्रामीणों ने पानी के तेज़ प्रवाह और संभावित नुकसान को लेकर चिंता व्यक्त की है।
विशेषज्ञों ने बताया सरस्वती नदी का चैनल -इस रहस्यमयी घटना के बाद भूजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण दास ईणखिया ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने इस घटना को लेकर कहा कि यह भूजल का सामान्य रिसाव नहीं हो सकता। उन्होंने इसे लुप्त सरस्वती नदी के चैनल से जोड़ते हुए संभावना जताई कि यह घटना सरस्वती नदी के प्राचीन प्रवाह के संकेत हो सकते हैं।