रामबास के मोक्षधाम को मिला रास्ता: भामाशाह ने दी 250 फीट लंबी भूमि, 50 साल पुरानी समस्या खत्म

अलवर की गोविंदगढ़ नगर पालिका क्षेत्र के रामबास की श्मशान भूमि के लिए करीब 50 वर्षों से रास्ते का अभाव बना हुआ था । रास्ता नहीं होने के कारण फसल एवं वर्षा के दिनों में ग्रामवासियों को शवयात्रा में बहुत ही बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था । शमशान के चारों ओर किसानों की खातेदारी की भूमि है । पूर्व में भी रास्ते के लिए बहुत प्रयास किए गए । लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया था। जिसे लेकर रामबास के ही एक भामाशाह ने अपनी खेती की भूमि में से श्मशान भूमि के लिए रास्ता प्रदान किया है।

रामबास सरपंच प्रतिनिधि राजेंद्र प्रसाद शर्मा व भामाशाह मीनू महावर ने बताया कि श्मशान भूमि के लिए कोई रास्ता नहीं था तथा श्मशान भूमि के चारों तरफ निजी खातेदारी की जमीनें थी जिससे प्रशासन भी यहां रास्ता कायम नहीं कर सका। यह समस्या 50 वर्षों से बनी हुई थी। समस्या के निदान हेतु रामबास के भामाशाह देवी सिंह पटेल ने अपनी निजी खातेदारी की जमीन में से श्मशान भूमि के लिए 10 फुट चौड़ा एवं 250 फुट लंबा रास्ता दान में दिया है। वही मोक्ष धाम के मुख्य द्वार की घोषणा तेजपाल सैनी रामबास के द्वारा की गई इस घोषणा के बाद ग्रामवासियो में खुशी की लहर दौड़ गई और ग्रामवासियों के सहयोग एवं श्रमदान द्वारा समर्पित रास्ते का निर्माण भी कर दिया गया। रामबास की बुर्ज पर सर्व समाज के लोगों ने देवी सिंह पटेल का स्वागत किया।






