गजब संयोग, शुभ कार्य या शादी विवाह, सब होगा बिना मुहुर्त30 अप्रैल को संपन्न

अलवर (राजस्थान/ कमलेश जैन) 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त, पूरा दिन हर कार्य के लिए शुभ, शादी, खरीद, गृह प्रवेश के लिए सर्वश्रेष्ठ दिन, योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य के लिए शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व होता है। वहीं पूरे साल मे अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन होता है, जहां किसी भी प्रकार का मुहूर्त देखने की आवश्यकता नहीं होती। इस दिन जो भी कार्य किए जाते हैं वह शुभ ही होते हैं। चाहे शादी विवाह का कार्यक्रम हो, वाहन खरीदना हो या अन्य कोई भी शुभ कार्य 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का एक अबूझ मुहूर्त है।
क्या होता है अक्षय तृतीया का अबूझ मुहूर्त?
हर साल अक्षय तृतीया वैशाख महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है। लोग शादी विवाह, गृह प्रवेश, वाहन, संपत्ति खरीदना, व्यापार आरंभ करना, नया काम शुरू करने जैसे अन्य प्रमुख कार्यों को शुरू करते हैं। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम करते हैं, उसका फल कभी समाप्त नहीं होता। हालांकि, इस दिन अगर कोई बुरा कार्य करते हैं, तो उसका परिणाम भी कई जन्मों तक मिलता है।
अक्षय तृतीया को लेकर क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था और सतयुग की शुरुआत भी हुई थी। तो वहीं यह भी मान्यता है कि युधिष्ठिर को अक्षय पात्र की प्राप्ति भी इसी दिन हुई थी, जिसमें कभी न खत्म होने वाला भोजन होता था। इतना ही नहीं, अक्षय तृतीया को लेकर यह भी मान्यता है कि इस दिन मां गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुईं थीं। इसलिए सभी शुभ कार्य शादी विवाह अक्षय तृतीया पर संपन्न बगैर मुहूर्त के किए जाते हैं।






