पर्यावरण सेवक प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने का गांव-गांव दे रहे हैं संदेश
शशिबेरी व जालबेरी में आयोजित समारोह के दौरान हजारों लोगों को एक साथ किया जागरूक; समारोह स्थल पर पर्यावरण स्टॉल लगाकर जल सेवा करते हुए भोजन का जूठन बिल्कुल नहीं छोड़ने का दिया संदेश

भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) सेङवा उपखण्ड क्षेत्र के गांव शशिबेरी व जालबेरी में आयोजित समारोह में कोशिश पर्यावरण सेवक टीम सांचौरी-मालाणी के सेवकों ने एक साथ हजारों लोगों को पर्यावरण संरक्षण व मानव सुधार के लिए प्रेरित करते हुए नशा नहीं करने व भोजन का जूठा नहीं छोङने का संकल्प दिलवाया।
टीम के सह-प्रभारी व स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने बताया कि टीम सर्वप्रथम समारोह आयोजनकर्ताओं को पाबंद करती है कि समारोह में नशे की मनुहार पर पूर्णतया प्रतिबंध रखना होगा, सिंगल यूज प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों का इस्तेमाल नहीं करना होगा और टीम के स्वस्थ भारत अभियान में सहयोग करना होगा।इन शर्तों की स्वीकृति पर टीम के सदस्य यानि पर्यावरण सेवक सर्वप्रथम समारोह स्थल को पर्यावरणमय बनाते हुए पर्यावरण संरक्षण पर आधारित भव्य पर्यावरण प्रदर्शनी लगाकर लोगों को पर्यावरण के प्रति नैतिक जिम्मेदारी से रूबरू कराते हैं ताकि प्रत्येक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण में सहयोग कर सके ताकि प्रकृति का शोषण नहीं होकर पोषण हो सके।फिर पर्यावरण सेवक समारोह स्थल पर पर्यावरण स्टॉल लगाकर सभी लोगों को तांबे के लोटों से जलपान कराते हुए प्राचीन भारतीय सनातन संस्कृति को अपनाने हेतु प्रेरित करते और प्लास्टिक कप-गिलास व पानी की बोतलों की जगह धातु व मिट्टी के बर्तन काम लेने प्रेरित करते हैं।
इसके साथ-साथ पर्यावरण सेवकों ने भोजन बचाओ अभियान के तहत भोजनशाला को अन्न के महत्व को दर्शाती तख्तियों-बैनरों-पोस्टरों से इस तरह सुसज्जित किया कि भोजन करने वाला प्रत्येक व्यक्ति प्रेरित हो सके और अन्न को जूठा न छोङकर भोजन का आदर कर सके। इसके साथ पर्यावरण सेवक लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए भोजनशाला में घूमते-घूमते संदेश देते रहे कि खाओ भले ही मण लेकिन जूठा नहीं छोड़े कण इस तरह के संदेशों के माध्यम से लोगों को जागरूक करते हुए भोजन बचाने का संदेश दिया।इस तरह पर्यावरण सेवक टीम के प्रभारी किशनाराम बांगड़वा सह-प्रभारी जगदीश प्रसाद विश्नोई धोलाराम कपासिया लुम्बाराम चौधरी सुरेश कुमार बिश्नोई राजेश बोला केसाराम बोला वगताराम भाम्भू सहित कई पर्यावरण सेवकों ने निस्वार्थ भाव से पर्यावरण संरक्षण व मानव सुधार का संदेश दिया।






