कुंतेश्वर महादेव मंदिर में सेन समाज द्वारा विशाल भजन संध्या आज, कल निकलेगी शोभायात्रा ,भामाशाह सम्मान समारोह

फरारा (सत्यनारायण सेन) राजसमंद जिले मे श्री सेन समाज चारों चोखला की ओर से श्री कुन्तेश्वर महादेव फरारा में निज मंदिर में करवाए सोना-चांदी के कार्यों को लेकर दो दिवसीय अनुष्ठान के तहत भव्य समारोह एवं भंडारा शुक्रवार से होंगे। शुक्रवार को कुंतेश्वर महादेव मंदिर परिसर में रात 8 बजे से भजन संध्या होगी।
विशाल भजन संध्या - नागौर के अनिल सेन, रतन सिंह, गोविंद सिंह एवं मुकेश सेन वल्लभनगर ,राकेश सेन ,महेश सेन काकरोली की ओर से भजनों कीं प्रस्तुतियां दी जाएगी। डांसर बालकृष्ण बालकृष्ण सेन भक्ति नृत्य की प्रस्तुति देंगे।
हवन ,शोभायात्रा, कलश यात्रा निकलेगी - शनिवार को मंदिर, परिसर में तड़के 4:15 बजे से हवन में आहुतियां दी जाएगी। पूर्णाहुति सुबह 7 बजे होगी। सुबह आठ बजे वरघोड़ा की शोभायात्रा जल कलश के साथ निकाली जाएगी।
संत, भामाशाह सम्मान महाप्रशादी का आयोजन - शनिवार कार्यक्रम के तहत सुबह 10 बजे अतिथि, संत एवं भामाशाह सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह के बाद महाप्रसादी का आयोजन भी होगा।
संतो का सानिध्य मिलेगा - कार्यक्रम में सूरजकुंड आश्रम कुंभलगढ़ के महंत अवधेश चैतन्य, आयता की धुणी के संत संतोष नाथ, देवल आश्रम सरसूनिया के संत हरिनाथ, चकाचक महादेव देवों का गुड़ा के मनोहर दास, मसानिया भैरव धाम राजगढ़ के संतचंपालाल, जरगाजी धुणी के संत मोहनपुरी एवं रोकडिया हनुमान मंदिर चारभुजा के संत रामदास मौनी आदि संतों का सानिध्य मिलेगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियों को मूर्त रूप दिया जा रहा है।
तैयारियो को लेकर सेन समाज की बैठक - बैठक में सेन समाज चारोंचोखला के अध्यक्ष केशुलाल सेन, उद्योगपति व भामाशाह अनिल कुमार, शंकर सेन, रोशन, फतेहलाल, रमेश, रामलाल, दिनेश राजनगर, किसन वणाई, दिनेश शाहपुरा, गणेश, मुकेश, रमेश, बिट्टू, पन्नालाल सेन एवं समाजजन आदि मौजूद रहे।
मन्दिर का इतिहास : पांडवों ने की थी स्थापनाः कुंतेश्वर महादेव नाम से विख्यात
यह मंदिर राजसमंद जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर फरारा गांव में स्थित है. कुंतेश्वर महादेव मंदिर के मुख्य ट्रस्टी ने बताया कि इस मंदिर में स्थित शिवलिंग का निर्माण पांडवों ने वनवास काल के दौरान करवाया था. कहा जाता है कि पांडवों की माता कुंती भगवान शिव की आराधना हर रोज करती थी. कुंती ने भगवान शिव की आराधना करते हुए यहां शिवलिंग का निर्माण करवाया. तब से ही इस मंदिर को कुंतेश्वर महादेव के नाम से जाना जाने लगा. यह मंदिर भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र है. यहां देश-दुनिया से बड़ी संख्या में लोग अपने आराध्य देव भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए पहुंचते हैं.






