स्वच्छ पानी की बूंद बूंद को तरस रहे है टेल पर बसे किसान व अबोहरवासी - जाखड़
विधायक संदीप जाखड़ के नेतृत्व में किसानों ने की नहरी विभाग के कार्यकारी इंजीनियर से मुलाकात

अबोहर (सत्यनारायण शर्मा) विभिन्न गांवों से भारी संख्या में किसान नहरी कालोनी पहुंचे। किसानों ने आज विधायक संदीप जाखड़ के नेतृत्व में कृषि व सिंचाई से जुडे अहम मुद्दे उठाते हुए मांग की कि नहरी खालों के नवीनीकरण का काम टेल पर बसे गांवों से शुरू करवाया जाये क्योंकि नहरों और खालों का लेवल सही ना होने के कारण टेल पर पानी बहुत कम पहुंचता है। कम से कम 10 हिस्से पानी उपलब्ध करवाने का प्रबंध किया जाये।
जाखड़ ने कहा कि 1973 में सिंचाई व बिजली उपमंत्री के रूप में बलराम जाखड़ ने सबसे पहले नहरी खाले पक्के करवाने का ऐतिहासिक काम शुरू करवाया था। सिंचाई विशेषज्ञ इस बात को स्वीकार करते हैं कि खाले कच्चे होने के कारण 25 से 30 प्रतिशत नहरी पानी का रिसाव होता है। इस कारण टेल के गांवों तक पानी बडी मुश्किल से पांच हिस्से रह जाता है। राजस्थान से सटे गांवों में किसानों की आर्थिक हालत बदत्तर होने के कारण यह भी है कि उन्हें फसल की बिजाई और पकाई के लिये पर्याप्त पानी समय पर नहीं मिलता।
उन्होने कहा कि स्व. बलराम जाखड़ द्वारा नहरी खालों को पक्का करने का काम शुरू करवाने के बाद किसानों की स्थिति में सुधार आया लेकिन कई गांव पक्के खालों के निर्माण की योजना से वंचित रह गये और पुराने खाले अब कायम भी नहीं रह पाये। इसलिये नहरे पक्की करने के बाद खालों के नवीनीकरण की मांग काफी देर से उठ रही थी। अब प्रदेश सरकार ने अबोहर व बल्लुआना क्षेत्र के अनेक गांवों में खालों के नवीनीकरण का ऐलान किया है।
इसका सही अर्थों में किसानों को लाभ तभी पहुंचेगा जब टेल के गांवों से निर्माण प्रक्रिया शुरू की जायेगी। यदि इस काम में कोताही ना बरती गई तो निश्चित रूप से कपास व गेहूं जैसी फसलों के इलावा बागों को बचाना भी संभव हो जायेगा। जाखड़ ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में मंत्री बरिंद्र गोयल से भी बातचीत की है। इस अवसर पर इकट्ठे हुए किसानों की मांग नहरी विभाग के कार्यकारी इंजीनियर विनोद कुमार सुथार के समक्ष ज्ञापन द्वारा प्रस्तुत करते हुए जाखड़ ने कहा कि काफी समय तक नहरें निर्माण व मुरम्मत के लिये बंद रहने के कारण हरीके बैराज के पौंड में जो गंदा पानी इकट्ठा हो गया था वह अभी तक न केवल सिंचाई करने वालों बल्कि स्वच्छ पानी की मांग करने वाले उपभोक्तओं के लिये भी सिरदर्दी का कारण बना हुआ है।
इस स्थिति को सुधारने के लिये जरूरी कदम उठाये जाने चाहिये क्योंकि कैंसर आदि बीमारियों के फैलने का मूल कारण गंदा पानी है। कार्यकारी इंजीनियर विनोद कुमार सुथार ने किसानों को विश्वास दिलाया कि नहरी खालों के नवीनीकरण का काम तकनीकि गुणवता और उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखते हुए पारदर्शिता से किया जायेगा और खेतों व वाटर वर्कस तक साफ पानी पहुंचाने के लिये भी जरूरी कदम उठाये जायेंगे।






