खरमास समाप्ति के बाद 14 अप्रैल से गूंजेगी शहनाइया

लक्ष्मणगढ़ (अलवर, राजस्थान / कमलेश जैन) खरमास समाप्ति 14 अप्रैल फिर से शहनाइयां गूंजेगी । वर्तमान समय में खरमास चल रहा है, जिसे हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष माना जाता है। योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर स्वाभाविक रूप से रोक लग जाती है। इस अवधि में न तो विवाह होते हैं, न सगाई, न ही गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य किए जाते हैं। खरमास का समापन 14 अप्रैल को होगा, जिसके बाद शुभ योग और मुहूर्तों की वापसी होगी। और एक बार फिर विवाह, नामकरण, मुंडन और जनेऊ जैसे धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत होगी। मान्यता है कि खरमास में किए गए शुभ कार्य पूर्ण फल नहीं देते और लंबे समय तक उनका प्रभाव स्थायी नहीं रहता। इस वर्ष होलाष्टक खत्म होते ही मलमास शुरू हो गया था । इससे मांगलिक कार्यों पर बैन लग गया। खरमास का समापन 14 अप्रैल को होगा। इसके बाद एक बार फिर बैंड बाजा बारात की गूंज सुनाई देगी।






