अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं के अधिकारों और सामाजिक बुराइयों पर जागरूकता अभियान
थानागाजी (संवाददाता रितीक शर्मा) कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा संचालित बाल मित्र ग्राम कार्ययोजना के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर हींसला ओर राजौर से एक विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। यह अभियान पूरे सप्ताह डेरा, डुमेडा, गढ़बसई, अजबगढ़ सहित 30 बाल मित्र ग्रामों में चलेगा इस अभियान का उद्देश्य बाल मजदूरी, सामाजिक बुराइयों और बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है। कार्यक्रम में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा बच्चों के लिए किए गए कार्यों और उनके वास्तविक जीवन संघर्षों पर आधारित फिल्म झलकी का प्रदर्शन किया जायेगा। झलकी, एक प्रेरणादायक फिल्म है, जो बाल मजदूरी की समस्या को उजागर करती है और समाज के विभिन्न वर्गों को इसके प्रति संवेदनशील बनाती है। इस फिल्म के माध्यम से न केवल बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता फैलाई जायेगी, बल्कि समाज में व्याप्त अन्य बुराइयों जैसे बाल तस्करी और शोषण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जायेगा। एसएमजीसी की मैनेजिंग डायरेक्टर अस्मिता सत्यार्थी ने कहा, "बच्चे हमारे समाज का भविष्य हैं और बालिकाएं हमारे समाज की रीढ़ हैं। जब तक हम उनके अधिकारों की रक्षा नहीं करेंगे और उन्हें एक सुरक्षित माहौल प्रदान नहीं करेंगे, तब तक कोई भी समाज सशक्त और उन्नत नहीं हो सकता।" उन्होंने यह भी कहा कि बालिकाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें शिक्षा, सुरक्षा, और समानता का अवसर देना समाज की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों, अभिभावकों और समुदाय के नेताओं को बालिकाओं के अधिकारों, शिक्षा, और बाल मजदूरी जैसी समस्याओं के समाधान के लिए एकजुट होने का आह्वान जायेगा। बाल मित्र ग्राम के अंतर्गत केएससीएफ का यह प्रयास समाज के कमजोर वर्गों तक पहुंचने और बालिकाओं के बेहतर भविष्य के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करने का है। हींसला में बालिकाओं को उनके अधिकारो की जानकारी देते हुए शोषण के विरुद्ध चुप्पी तोड़ो खुलकर बोलो को लेकर जागरूक किया गया। इस दौरान बाल सरपंच मुस्कान ने कहा कि यह जागरूकता अभियान बालिकाओं के अधिकारों और उनके सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे समाज को जागरूक करने और एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करने में मदद मिलेगी।