जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा नीतियों में अहम योगदान दे रही ज्योति शर्मा

लक्ष्मणगढ़( अलवर ) कमलेश जैन
तहसील क्षेत्र के ग्राम बिच गांवा निवासी महेश चंद शर्मा की पुत्री ज्योति शर्मा ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा नीतियों में अहम योगदान देकर विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को मजबूत कर रही है। उनकी मेहनत एवं शोध तकनीकी नवाचार नवीकरणीय ऊर्जा में देश को नई दिशा दे रही है। वर्तमान में वे नीति आयोग के साथ मिलकर हार्ड- टू एबेट औद्योगिक क्षेत्रो के अधिकार डीकाबोर्गेनाइजेशन रोड मैप पर काम कर रही है। एमएनआईटी जयपुर से एमटेक करने के बाद ज्योति शर्मा ने भारत अमेरिका सरकार की संयुक्त परियोजना में सीनियर रिसर्चर के रूप में काम किया। ज्योति ने टीम के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट में अलग-अलग एप्लीकेशन के लिए दिल्ली एनसीआर में बैटरी एनर्जी स्टोरेज पायलट प्रोजेक्ट लागू कर ट्रांसफार्मर ओवरलोडिंग कम करने में सफलता पाई है। बिच गांव निवासी प्रदीप जैन ने बताया कि इन्होंने इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते उपयोग से बिजली ग्रिड पर पडने वाले तकनीकी वित्तीय और नीतिगत प्रभावों का अध्ययन किया है ।
लाभकारी मॉडल तैयार किया -
ज्योति ने पीएम कुसुम योजना के अंतर्गत सौर सिंचाई पंपों के लागत लाभ विश्लेषण से किसानो सरकार और डिस्काम के लिए लाभकारी मॉडल तैयार किया। ज्योति ने गुजरात में ग्रीन हाइड्रोजन के ग्राउंड में लेवल चैलेंज पर शोध किया। जिसे जिसे संयुक्त राष्ट्र ने प्रकाशित किया गया इनका मानना है कि क्लीन टेक्नोलॉजी को प्रभावी लागत में लाना सबसे बड़ी चुनौती है।






