मुख्यमंत्री ने खाली तालाब और बांधों की मांगी रिपोर्ट
मिस मैनेजमेंट से 2000 एमसीएफटी पानी उत्तर प्रदेश में बहा , रोकते तो बच जाती सरसों की एक सिंचाई
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने चित्तौड़गढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारा बरसात का पानी, बांधों का पानी बहकर नदियों से समुद्र या दूसरे राज्यों में व्यर्थ जा रहा है। उसे रोककर प्रदेश में ही उपयोग की वृहद कार्य योजना पर काम हो रहा है। उन्होंने सभी कलेक्टर्स से रिपोर्ट मांगी है कि हर उस इलाके की रीडिंग कराएं जहां बारिश का पानी बहकर चला गया।
बारैठा से 1292 और अजान से 700 एमसीएफटी पानी की निकासी
अजान बांध से केवलादेव घना को 515 एमसीएफटी पानी दिया गया। इसके अलावा 27 मोरा और कल्याणपुर बीयर से करीब 700 एमसीएफटी पानी की निकासी की गई।जो कि चिकसाना कैनाल,खारी नदी होते हुए उत्तरप्रदेश में चला गया। बारैठा बांध से तीन बार में 1292 एमसीएफटी पानी रिलीज हुआ। जो सेवला से पहले पुल से होकर उत्कल नदी में खानवा होते हुए उत्तरप्रदेश में चला गया। यद्यपि जलसंसाधन विभाग का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। पानी खेतों में सैराबी करते हुए उत्तरप्रदेश में गया है।
23 बांध खाली
भारी बरसात और गंभीर नदी एवं बाण गंगा नदी चलने के बाद भी जिले के 23 बांध - बहनेरा,मुरवारा,भोंट,रिछोली,सेहना,बासरी,कुरका,नेकपुर,समेसरालोअर,भाहुवा,शाहपुर,बछामदी,जहानपुर,सरसैना,डावक,दारावाना,काठीवारा,पापडा,राफ,अऊ,जनूथर,कुचावटी, आलमपुर बांध में पानी नहीं आया।
करीब 28 साल बाद रिकार्ड तोड बारिश के बाद भी हम अपने पानी को सहेज नहीं पाए। इससे किसान कम से कम एक पानी से बंचित हुए हैं। जिले की करीब 3.91 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से 1.28 लाख असिंचित है। सिंचित का माध्यम भी भू जल है। ऐसे में बारिश /बांध का पानी खेतों के लिए लाइफ़ लाइन है। जलसंसाधन विभाग के सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता शिवरतन सिंह धनकर कहते हैं कि भरतपुर का रियासतकालीन सिंचाई सिस्टम भी नदी -बांघ-तालाब-खेत को जोड़ने का है। गंभीर नदी का पानी सेवर अपर और लोअर में लेते तो मोतीझील होते हुए जधीना तक पानी आ सकता था। किन्तु लम्बे अरसे से इस सिस्टम पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।वर्ष 1996 के बाद जिले में पानी पानी हुआ और अजान बांध से करीब 700 और बंध बारैठा से 1292 एमसीएफटी पानी की निकासी हुई है। लेकिन पानी का बेहतर उपयोग नहीं कर पाए । इस कारण पानी बहकर उत्तरप्रदेश में चला गया। जिले के 36 में से 23 बांध अभी खाली पड़े हैं। वर्ष 2016 के बाद ऐसा हुआ है कि गंभीर नदी करीब 20 दिन चली, क्योंकि पांचना बांध ने करीब 7800 एमसीएफटी पानी रिलीज किया। इसके बाद भी सेवर लोअर में पानी नहीं आया। इस कारण इससे जुड़े कई इलाकों में पानी नहीं पहुंच पाया।इसकी एक वजह लम्बे अरसे से पानी नहीं आने के कारण बांधों का फ्लो और रखरखाव नहीं होना भी है।सेवर अपर में पानी आया था। सेवर लोअर बांध में पानी बहने की पोजिशन में नहीं था।ओवर फ्लो होने के कारण अजान और बारैठा से पानी की निकासी हुई जो कि खेतों में सैराबी करते हुए उत्तरप्रदेश में बहा है। करीब आधा पानी सैराबी के काम आया है।
-बनय सिंहअधिशाषी अभियंता जलसंसाधन विभाग
- कोशलेन्द्र दत्तात्रेय