पीएम कृषि सिंचाई योजना एवं एमजेएसए से साकार हो रही है जल संरक्षण की परम्परा,फॉर्म पॉण्ड योजना से किसानों को वर्षभर पानी मिलने से दुगुनी हुई है आमदनी

Jun 6, 2025 - 20:45
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पीएम कृषि सिंचाई योजना एवं एमजेएसए से साकार हो रही है जल संरक्षण की परम्परा,फॉर्म पॉण्ड योजना से किसानों को वर्षभर पानी मिलने से दुगुनी हुई है आमदनी

भरतपुर, 06 जून। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के तहत जल संरक्षण, सिंचाई प्रबंधन के लिए हुए कार्याें से ग्रामीण क्षेत्र में जल संरक्षण की परम्परा पल्वित हो रही है। साथ ही किसानों को बिना लागत के सिंचाई सुविधा का लाभ मिलने से सरकार की किसानों को दुगुनी आमदनी करने का सपना भी साकार हो रहा है। 
    प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई - 2.0 योजना में जिलेभर में फॉर्म पॉण्ड निर्माण, पोखरों में रिचॉर्ज सॉफ्ट निर्माण एवं तलाई गहरी करने के कार्य से ये परम्परागत जल स्रोत वर्षा जल संरक्षण के बडे स्थल बनकर ग्रामीण क्षेत्र में मानव जीवन, पशु-पक्षी एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए भी मददगार साबित हो रहे हैं। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में प्रत्येक गांवों में जल स्रोतों का जीर्णोंद्धार एवं संरक्षण का कार्य हाथ में लिया गया है जिनमें परम्परागत कुंओं का रखरखाव, तलाई एवं पिट निर्माण, एनीकट, तालाबों के पिचिंग कार्य से जल संरक्षण की क्षमता बडी है। वर्षभर वर्षा का पानी जमा रहने से आसपास वनस्पति की हरितमा पट्टी भी इन क्षेत्रों में विकसित हो रही है। 
    प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत हुए विकास कार्याें एवं जल संरक्षण के स्थलों का वंदे गंगा जल संरक्षण-जल अभियान के दूसरे दिवस मीडियाकर्मियों ने मौका विजिट कर ग्रामीण क्षेत्रों में इन आधारभूत संरचनाओं के निर्माण से आये परिवर्तन को नजदीकी से देखा। योजना के तहत पंचायत समिति भुसावर की ग्राम पंचायत खदराया में हरी मीणा के खेत में बने फॉर्म पॉण्ड से किस प्रकार सिंचाई सुविधा मिलने लगी है इसके बारे में जानकारी ली। हरि मीणा के खेत में 3.50 लाख की लागत से बने फॉर्म पॉण्ड में 1600 क्यूबिक मीटर पानी संरक्षित होता है। इस फॉर्म पॉण्ड में किसान द्वारा वर्षभर मछलीपालन के साथ ही अपनी आठ बीघा भूमि में रबी की फसलों में सिंचाई सुविधा का लाभ लिया जा रहा है। वर्षभर पानी भरा रखने के लिए फॉर्म पॉण्ड में प्लास्टिक शीट का उपयोग किया गया है इससे वर्षभर जीव-जन्तुओं को भी पानी की उपलब्धता बनी रहती है। 
    खदराया गांव के नत्थी लाल शर्मा के खेत में भी 3.50 लाख की लागत से बने फॉर्म पॉण्ड में 1600 क्यूबिक मीटर क्षमता का पानी संरक्षित होता है। किसान नत्थी लाल कहते हैं इस फॉर्म पॉण्ड के निर्माण में उसे केवल 10 प्रतिशत राशि का भार आया, 90 प्रतिशत राशि केन्द्र एवं राज्य सरकार से अनुदान में प्राप्त हुई। किसान नत्थीलाल ने बताया नलकूप में पानी सूखने के बाद उसे केवल खरीफ की फसल पर ही निर्भर रहना पड रहा था। अब इस फॉर्म पॉण्ड के निर्माण से उसके खेतों में रबी के सीजन में सरसों व गेहूँ की फसलें भी लहराती हैं। 
    योजना के तहत ग्राम खदराया में किसान दयाराम के खेत में बने रिचॉर्ज सॉफ्ट का निर्माण होने से वर्षा का पानी सीधा पाईप के माध्यम से भूजल में जाकर रिचॉर्ज हो जाता है इससे आसपास के कुंओं/नलकूप के जल स्तर में वृद्धि हुई है। इसी प्रकार ग्राम महतौली के राजकीय महाविद्यालय भवन में 3 लाख की लागत से बने वर्षा जल संरक्षण टैंक में 10 फीट व्यास व 13 फीट गहराई में 30 हजार लीटर वर्षा जल संरक्षित होता है। इससे वर्षभर महाविद्यालय में पौधों की सिंचाई एवं आवश्यक कार्यों में जल की उपलब्धता बनी रहती है। 
    वाटरशेड के अतिरिक्त मुख्य अभियंता बजरंग सहाय मीना ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान वैर, भुसावर, नदबई क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है। वर्ष जल संरक्षण की परम्परा के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान से किसानों के फॉर्म पॉण्ड, रिचॉर्ज सॉफ्ट टैंक निर्माण से सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता हुई है। एमजेएसए में गांव का पानी गांव में रोकने से जीव-जन्तु, वनस्पति एवं स्थानीय नागरिकों के लिए भी जीवन रेखा का काम कर रही है। 

  • कोशलेन्द्र दत्तात्रेय 

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