तिलहनी फसलों का क्षेत्रफल तथा उत्पादन बढ़ाने की दी जानकारी
भरतपुर ,राजस्थान
महेश जादौन कृषि अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार आज़ कार्यालय संयुक्त निदेशक कृषि, डीग द्वारा राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें सौ से अधिक किसानों तथा सत्तर से अधिक फील्ड स्टाफ द्वारा भाग लिया गया।
कार्यशाला का उद्घाटन देशराज सिंह अतिरिक्त निदेशक कृषि भरतपुर संभाग द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर किया। योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान भरतपुर खंड द्वारा मां सरस्वती को माल्यार्पण किया गया। इस दौरान डाक्टर उदयभान सिंह अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय भुसावर, डाक्टर धर्मपाल सिंह संयुक्त निदेशक कृषि, डॉक्टर बलवीर सिंह सेवानिवृत्त उप निदेशक पौध व्याधि,महीपाल शर्मा सहायक निदेशक कृषि तथा अन्य कार्यालय स्टाफ भी साथ रहे। सर्व प्रथम डाक्टर धर्मपाल सिंह संयुक्त निदेशक कृषि द्वारा कार्यशाला में आए हुए सभी अतिथियों तथा किसानों का स्वागत करते हुए कार्यशाला का उद्देश्य, आवश्यकता तथा डीग जिले में कार्यशाला की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी
देशराज सिंह अतिरिक्त निदेशक कृषि ने अपने उद्घाटन उद्बोधन में किसानों से अपील की कि देश में खाद्य तेलों की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उत्पादन से अधिक खाद्य तेल का आयात करना पड़ता है, जिसके लिए विदेशी मुद्रा का भुगतान करना पड़ता है।
इसलिए हम सभी का दायित्व है कि तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाएं। तिलहनी फसलों में डीएपी की बजाय सुपर फास्फेट का उपयोग करें ताकि पैदा होने वाली फसलों में तेल की मात्रा तथा गुणवत्ता में वृद्धि हो सके। डाक्टर उदयभान सिंह अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय भुसावर ने सरसों की फ़सल की वैज्ञानिक खेती की विभिन्न तकनीकों पर विस्तार से जानकारी देते हुए उत्पादन बढ़ाने की सलाह दी। परंपरागत फसलों के साथ साथ उद्यानिकी फसलें उगाएं। इसके लिए उद्यानिकी विभाग मे अनुदान की सुविधाएं उपलब्ध हैं। किसान भाई सब्जियों की खेती करके अधिक लाभ कमा सकते हैं।
योगेश कुमार शर्मा संयुक्त निदेशक उद्यान भरतपुर ने सरसों की फसल में तथा उद्यानिकी फसलों में खरपतवार नाशक, कीटनाशक तथा फफूंद नाशक रसायनों की मात्रा तथा उपयोग किए जाने वाले समय का बहुत ज्यादा महत्व है, इसलिए इन रसायनों का प्रयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। शर्मा ने परंपरागत फसलों के स्थान पर, उद्यानिकी नकदी फसलों को भी सम्मिलित करें। सरकार द्वारा अनुदानित मल्च, लो टनल, सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र, ग्रीन हाउस जैसी हाइटेक उद्यानिकी तकनीकों को अपनाते हुए अधिक आमदनी प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने की सलाह दी। शर्मा ने सोलर पंप सेट स्थापित करने का महत्व बताते हुए किसानों से निवेदन किया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री माननीय भजन लाल शर्मा द्वारा पचास हजार किसानों को सोलर पंप सेट स्थापित करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थीं। किसानों की मांग को देखते हुए राजस्थान राज्य में स्थापित होने वाले सोलर पंप सेटों के लक्ष्य पचास हजार से बढ़ाकर एक लाख कर दिए हैं, इसलिए किसान भाई इस योजना का भी लाभ उठाएं। वर्तमान में समाज में मोटापा, केंसर तथा मधुमेह रोग की बहुतायत को ध्यान में रखते हुए शर्मा ने उपस्थित किसानों से निवेदन किया कि कीटनाशकों का सोच समझ कर विभाग की सिफारिश के अनुसार आवश्यकता होने पर करें, विशेष रूप से सब्जी वाली फसलों में सावधानी बरतें। डाक्टर बलवीर सिंह सेवानिवृत्त उप निदेशक पौध व्याधि ने सरसों तथा अन्य रबी फसलों में लगने वाले कीटों तथा बीमारियों की जानकारी, पहचान के बारे में बताते हुए इनके प्रबंधन के उपाय बताए।
गणेश मीणा उप निदेशक उद्यान ने विभिन्न उद्यानिकी योजनाओं जैसे फलोद्यानों की विस्तार से जानकारी देते हुए उद्यानिकी का
महत्व, अनुदान के लिए आवेदन की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए किसानों को उद्यानिकी फसलों को अपनाने की सलाह दी।
डाक्टर नबाव सिंह प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र कुम्हेर ने सरसों की फसल में अच्छी पैदावार के लिए समन्वित सिंचाई प्रबंधन, समन्वित कीट प्रबंधन, समन्वित पोषक तत्व प्रबंधन, की विस्तार से जानकारी दी । कार्यक्रम का संचालन जगत सिंह कुंतल सहायक कृषि अधिकारी द्वारा किया गया।
- कोशलेन्द्र दत्तात्रेय