राजस्थान में मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों-मेट के लिए फर्जीवाडे पर लगेगी रोक

Jan 12, 2025 - 18:03
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राजस्थान में मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों-मेट के लिए फर्जीवाडे पर लगेगी रोक
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राजस्थान के मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर हो रहे फर्जीवाड़े पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार ने एमएमएस सिस्टम का नया अपडेटेड वर्जन लांच किया है। इस अपडेटेड वर्जन में मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम से उपस्थिति उन्हीं श्रमिकों की लगेगी, जिनकी आंखें झपकेंगी। ऐसा नहीं होने पर उपस्थिति कॉलम में श्रमिक की फोटो अपलोड नहीं होगी।
दूसरा मनेरगा में पहले कई जगह एवजी मेट मिलते थे, अब नए सिस्टम से एवजी मेट न तो हाजरी ले सकेंगे ओर न ही स्वीकृत कार्य से दूसरे कार्य पर हाजरी ले सकेंगे। सरकार ने शुक्रवार से प्रदेशभर में मनरेगा कार्यस्थल पर नई एमएमएस व्यवस्था लागू कर दी है। अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी नाप पुस्तिका को जल्द ही ऑनलाइन किया जाएगा। इससे बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार थमेगा।
राजस्थान सरकार के मनरेगा विभाग के शासन सचिव की ओर से जारी आदेश में बताया गया है कि एनएमएमएस एप के अपडेटेड वर्जन में मेट को पीओ लॉगिन से पखवाड़ा प्रारंभ होने से पूर्व कार्य आवंटित करना होगा। पीओ लॉगिन से जिस मेट को जो कार्य आवंटित किया गया है, वही कार्य उस मेट के पास उपस्थिति लेने के लिए खुलेगा।
इससे न तो कार्य पर मेट बदलेगा और न ही मेट किसी दूसरे काम में गड़बड़ी कर सकेंगे। मेट की ओर से उपस्थिति दर्ज करते समय जो फोटो क्लिक की जाएगी उसमें सामने खड़े श्रमिकों के सिर एप के माध्यम से काउंट होंगे यदि एप के काउंट हेड और दर्ज की गई उपस्थिति में अन्तर है तो फोटो सेव नहीं होगी।
आई ब्लिंक अनिवार्य-
इसी प्रकार फोटो क्लिक करते समय श्रमिकों की आई ब्लिंक अनिवार्य कर दी गई है। फोटो क्लिक के दौरान सामने उपस्थित श्रमिकों में से किसी एक की भी आई ब्लिंक नहीं हुई तो फोटो अपलोड नहीं हो पाएगी। इससे गड़बड़ी की आशंका नाम मात्र भी नहीं रहेगी। जबकि पहले उपस्थिति दर्ज करने के लिए जियोटेग स्थान दस मीटर तक था। सरकार ने इसमें राहत देते हुए ग्रेवल सडक़, सीसी ब्लाक सहित कई कार्यों के लिए जीओ टैग से 500 मीटर की दूरी तक से उपस्थिति दर्ज करने की छूट दी है।
अगले पखवाड़े से ई-माप पुस्तिका-
राज्य सरकार मनरेगा कार्यों में अगले पखवाड़े से ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इससे फर्जीवाड़ा रोकने के साथ काम की पारदर्शिता बनी रहेगी। सरकार उड़ीसा, कर्नाटक व त्रिपुरा की तरह राजस्थान में माप पुस्तिका को ऑनलाइन कर ई-माप पुस्तिका लागू करेगी। इसके लिए मस्टररोल की तरह ई-माप पुस्तिका फीड करने का मॉड्युल उपलब्ध करवा दिया गया है, जिसे अगले पखवाड़े से अनिवार्य किया जाएगा।

  • कमलेश जैन 

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