कॉपरेटिव सोसायटी में घोटालाः किसान बोले- राशन के लिए बच्चों का नाम कार्ड में जुड़वाना था, उन्होंने अंगूठा लगवा कर दिया धोखा

फर्जी तरीके से बिना बताए सदस्य बनाकर उठाया करीब 4 करोड़ रुपए का फर्जी ऋण

May 30, 2025 - 17:46
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कॉपरेटिव सोसायटी में घोटालाः किसान बोले- राशन के लिए बच्चों का नाम कार्ड में जुड़वाना था, उन्होंने अंगूठा लगवा कर दिया धोखा

कामां (हरिओम मीणा) डीग के मेवात क्षेत्र में गरीब किसानों के साथ बड़ा धोखा हो गया। कामां दी भरतपुर सैन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लि. शाखा कामां की सुनेहरा, सतवास, गांवड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति के सचिवों ने यूपी, हरियाणा, नगर, डीग, भरतपुर, पहाड़ी, रूपवास, कामां के 800 किसानों को उनको बताए बिना ही सदस्य बनाकर करीब 4 करोड़ रुपए का फर्जी ऋण उठा लिया। किसानों को पता तब चला, जब उनके पास लोन को वापस जमा कराने के लिए संदेश आने लगे। यहां पहले भी पहाड़ी थाने में गांवड़ी समिति का मामला दर्ज हो चुका है, अब यह दो अन्य समितियां का मामला और उजागर हुआ है।

सोमका और सुनहरा गांव के ग्रामीणों ने बताया कि दी भरतपुर सेन्ट्रल कॉपरेटिव बैंक लि. शाखा कामां की सुनेहरा, सतवास, गांवड़ी ग्राम सेवा सहकारी समिति ने घपला करने के लिए कार्य क्षेत्र के बाहर जाकर यूपी, हरियाणा, नगर, डीग, भरतपुर, पहाड़ी, रूपवास, कामां व अन्य समितियों के व्यक्तियों का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराकर बैंक द्वारा फर्जी ऋण वितरण कर दिया। जिनके नाम लोन दिया, उनके पास जमीन ही नहीं... जिन सदस्यों को ऋण वितरण करना दिखाया वो
सभी सदस्य घुमंतु व समिति कार्यक्षेत्र से बाहर के हैं। उनके पास खेती की जमीन ही नहीं है। बैंक द्वारा इन सदस्यों की फर्जी साख सीमा तैयार कर फर्जी तरीके से व्यवस्थापक ग्राम सेवा समिति लि., शाखा प्रबन्धक व प्रबन्ध निदेशक ने आपस में धोखाधड़ी कर बैंक से करोड़ों रुपयों का फर्जी ऋण उठाया। जो सदस्य को न मिलकर उनकी जेब में गया है।

नये सदस्यों को ऋण देने के लिए 5 से 10 हजार रुपए तक की सीमा निर्धारित की हुई है। जबकि इन तीनों समितियों के लगभग 800 सदस्यों को समिति कार्यक्षेत्र के बाहर जाकर किया गया है। उनमें से किसी भी सदस्य का 40 हजार रुपए से कम का ऋण वितरण नहीं है। इतनी अधिक ऋण राशि फर्जी तरीके से उठाने के लिए पहले तो सदस्य का ऋण माफी पोर्टल पर फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया। उसके बाद सदस्य का ऋण स्वीकृत होने पर उस ऋण माफी के पोर्टल से उसके रजिस्ट्रेशन को हटा कर खुलेआग गड़बड़ी का खेल चल रहा है।

अब जांच होने के बाद ही इस गड़बड़ी का खुलासा हो सकेगा। ये पहला मामला नही है, जब किसानों के साथ धोखा हुआ हो। पहले भी कामां और पहाड़ी पुलिस थाने में मामले दर्ज हो चके हैं। वर्ष 2022 में दर्ज हुए में मामले दर्ज हो चुके हैं। वर्ष 2022 में दर्ज हुए एक मामले में भी करीब 250 किसानों के साथ धोखाधड़ी हुई। जिसमें 6 से 8 करोड़ रुपए का गबन हुआ। इसके बाद नवंबर 2024 में भी पहाड़ी में मामला दर्ज हुआ, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस का कहना है कि उन्हें विभागीय जांच का इंतजार है।

  • शिवदयाल मीणा, एडि. रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव ने बताया कि- "अभी मुख्यालय स्तर पर जांच चल रही है। जांच के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
  • रामवतार गुर्जर, डिप्टी रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव, डीग ने बताया कि- "गांवड़ी सोसाइटी में गबन हुआ है, इसकी विस्तृत जांच के लिए मुख्यालय को लिखा गया हैं।"

गांवड़ी सोसाइटी में साबित हो चुका गबन, बाकी की जांच अब भी लंबित मेवात के कई गांवों की को-ऑपरेटिव सोसाइटी में इस तरह का घोटाला हुआ है। गांवड़ी की सोसाइटी में तो गबन साबित भी हो चुका। लेकिन, विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं, सतवास, सोमका, सुनहरा जैसे कई गांवों में हुए घोटालों की जांच भी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इस जांच के पूरा होने
में मामले दर्ज हो चुके हैं। वर्ष 2022 में दर्ज हुए एक मामले में भी करीब 250 किसानों के साथ धोखाधड़ी हुई। जिसमें 6 से 8 करोड़ रुपए का गबन हुआ। इसके बाद नवंबर 2024 में भी पहाड़ी में मामला दर्ज हुआ, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस का कहना है कि उन्हें विभागीय जांच का इंतजार है। के बाद ही गड़बड़ी का खुलासा होगा।

  • 1. कुंवर सिंह ने बताया कि तीनों समितियों में लगभग 4 से 5 करोड़ का फर्जी ऋण 800 किसानों को वितरण दिखाकर व वर्तमान में प्रबन्ध निदेशक द्वारा फर्जी तरीके से दोनों व्यवस्थापकों की आईडी व क्यूआर कोड चालू किया गया है। यह ऋण वितरण 1 जनवरी 2023 के बाद का है।
  • 2. लियाकत मुंगसका निवासी ने बताया कि 6 बच्चे हैं और राशन कार्ड में तीन बच्चों का नाम चढ़ चुका था तीन बच्चों का नाम राशन कार्ड में जुड़वाने के लिए 2 वर्ष पहले सुंदर सेक्रेटरी कलावटा से बातचीत हुई। कामां बुलाकर एक मशीन में अंगूठा लगवाया और उसके बाद कहा कि अब तुम्हारा काम हो जाएगा लेकिन 2 वर्ष बाद हमें पता चला कि हमारे नाम से 23,870 का लोन उठा लिया है। हमें पैसे भी नहीं दिए। जिसका पहाड़ी थाने में मामला दर्ज कराया है।
  • 3. हुलला निवासी मुंगसका ने बताया की बेलदारी करके अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा हूं। राशन कार्ड में दो बच्चों का नाम है, चार बच्चों का नाम नहीं था जिनका राशन नहीं मिलता था। बच्चों का नाम जुड़वाने के लिए सुंदर सेक्रेटरी ने कागज लेकर कामां बुलाया था। 2 साल बाद भी राशन कार्ड में बच्चों का नाम नहीं जोड़ा लेकिन सुंदर ने गुमराह करते हुए 23870 कोऑपरेटिव का सदस्य बना कर निकल लिए गए।
  • 4. हारून निवासी मुंगसका ने बताया वह कोऑपरेटिव सोसाइटी सौमका के अधीन आते हैं। लेकिन सुंदर सेक्रेटरी ने गावड़ी कोऑपरेटिव सोसाइटी का फर्जी तरीके से बच्चों के अलग राशन कार्ड तैयार करने के नाम पर दस्तावेज लेकर 23870 का लोन निकाल लिया।

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