स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: झोलाछाप पकड़ा क्लिनिक सीज कर एक्सपायरी और नशीली दवाइयां बरामद

सिरोही (रमेश सुथार) जिला कलेक्टर सिरोही अल्पा चौधरी के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में दिए गए आदेशानुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. दिनेश खराड़ी के निर्देशन में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. एस.पी. शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शुक्रवार को मावळ गांव, आबूरोड़ में झोलाछाप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।
इस दौरान अवैध रूप से चिकित्सकीय प्रैक्टिस कर रहे झोलाछाप धर्मेन्द्र पुत्र धूरा भाई को इलाज करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। टीम ने मौके पर उसका क्लिनिक सीज कर दिया और जांच के दौरान क्लिनिक से भारी मात्रा में एक्सपायरी डेट की दवाइयां एवं उत्तेजक (नशीली) दवाइयां बरामद कीं।
क्लिनिक पर गहन जांच, दवाइयां व दस्तावेज जब्त
टीम ने मौके पर क्लिनिक की गहन जांच की, जिसमें पाया गया कि धर्मेन्द्र बिना किसी विधिवत पंजीकरण और योग्यता के इलाज कर रहा था। क्लिनिक में एक्सपायरी दवाइयां, नशीली और उत्तेजक दवाइयां भी अवैध रूप से भंडारित पाई गईं।
पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टर को सौंपा मामला
डॉ. एस.पी. शर्मा ने बताया कि आरोपी धर्मेन्द्र पुत्र धूरा भाई को मौके से गिरफ्तार कर पुलिस के हवाले किया गया। साथ ही बरामद दवाइयों और अन्य सामग्री को ड्रग इंस्पेक्टर को सौंपते हुए आगे की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
दो अन्य झोलाछाप मौके से फरार
इस कार्रवाई के दौरान दो अन्य झोलाछाप, जो पास ही अपने-अपने क्लिनिक में अवैध प्रैक्टिस कर रहे थे, टीम को देखकर मौके से भाग खड़े हुए। विभाग ने दोनों क्लिनिक को भी मौके पर सीज कर दिया और उनके विरुद्ध भी रिपोर्ट तैयार कर जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। एक क्लिनिक संचालक का नाम समीर बिस्वास बताया जा रहा है ।
टीम में ये अधिकारी रहे शामिल
इस कार्रवाई में डिप्टी सीएमएचओ डॉ. एस.पी. शर्मा , उप जिला अस्पताल आबूरोड़ डॉ रविन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र देलदर सुखवीर, कल्पत बीसीएमओ ऑफिस के साथ प्रताप और हनुवंत सिंह देवड़ा भी शामिल रहे। सभी ने संयुक्त रूप से मौके पर क्लिनिक की जांच, दवाइयों की जब्ती और सीलिंग की कार्रवाई को अंजाम दिया।
सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि जिलेभर में अवैध चिकित्सा प्रैक्टिस करने वालों के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है। बिना पंजीकरण और योग्य चिकित्सकीय डिग्री के इलाज करना कानूनी अपराध है। झोलाछाप द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।






