अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार की योजना अंतर्गत 5 स्कूटीयों का किया गया वितरण

May 31, 2025 - 14:44
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अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित

खैरथल (हीरालाल भूरानी )  शनिवार को प्रातः 11:00 बजे जिला सचिवालय खैरथल-तिजारा में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती समारोह गरिमामय रूप से आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर किशोर कुमार द्वारा अहिल्याबाई होल्कर की तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गई।
जिला कलेक्टर किशोर कुमार ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज जब हम लोकमाता अहिल्याबाई की त्रिशताब्दी जयंती मना रहे हैं, यह केवल एक ऐतिहासिक स्मरण नहीं, बल्कि भविष्य के निर्माण की प्रेरणा है। एक साधारण परिवार में जन्मी अहिल्याबाई ने अपने कर्म, साहस और दृष्टिकोण से इतिहास में वह स्थान प्राप्त किया जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने जीवन के हर क्षण को मनसा, वाचा, कर्मणा लोकहित के लिए समर्पित किया। एक अबोध बालिका से लेकर होल्कर वंश की रानी और फिर लोकमाता बनने तक का उनका 70 वर्षीय जीवन सामाजिक न्याय, कर्तव्य, सात्त्विकता और पराक्रम की मिसाल रहा।
उन्होंने कहा कि उनकी शासन शैली में राजनीतिक दूरदृष्टि, आध्यात्मिक आस्था और जनसेवा का समर्पण था। उन्होंने युद्ध को कभी भी केवल राजकोष भरने का साधन नहीं माना। अंग्रेजों की कूटनीति को भांपते हुए उन्होंने भारतीय रियासतों को सतर्क रहने की सलाह दी और अखंड भारत की परिकल्पना को प्रोत्साहित किया साथ ही महिलाओं की भागीदारी को भी नई दिशा दी। 
 उन्होंने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई ने यह सिद्ध किया कि बिना टकराव, बिना कठोरता के भी समाज की सोच और व्यवस्थाएं बदली जा सकती हैं। वे धर्मपरायण थीं, लेकिन उसी के साथ राजनैतिक रूप से सजग, पराक्रमी भी थीं। उनका जीवन उन सभी मूल्यों का संतुलन था, जिन्हें आज की पीढ़ी को समझने और आत्मसात करने की आवश्यकता है।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर शिवपाल जाट ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर सामाजिक दृष्टि से अत्यंत व्यापक थी। उन्होंने महेश्वरी साड़ी उद्योग की शुरुआत की, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला। देशभर में मंदिरों का जीर्णोद्धार, धर्मशालाओं का निर्माण, घाटों का विकास, और पर्यावरण संरक्षण उनके सतत प्रयासों के उदाहरण हैं। स्त्री-सशक्तिकरण की दृष्टि से भी वे अग्रणी थीं। उन्होंने विधवाओं को संपत्ति का अधिकार दिलाया, दहेज प्रथा के विरुद्ध आदेश जारी किए, और महिलाओं की अदालतों में सुनवाई सुनिश्चित की।
कार्यक्रम के अंत में कालीबाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना एवं देवनारायण छात्रा स्कूटी एवं प्रोत्साहन योजना के तहत 5 बालिकाओं को स्कूटी का वितरण किया गया। इस दौरान जिला कलेक्टर ने छात्राओं को यातायात नियमों के अनुरूप एवं हेलमेट पहनकर स्कूटी चलाने के लिए कहा। कार्यक्रम के दौरान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अरविंद गेट, नगर परिषद आयुक्त मुकेश शर्मा, वर्मा अधिशासी अभियंता वाटरशेड विभाग छत्रपाल सिंह, सहायक अभियंता बिजली विभाग दिनेश भड़ाना, सहायक अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग,नगर परिषद कनिष्का अभियंता मोतीलाल, राजकीय बालिका महाविद्यालय प्रिंसिपल सहित अन्य अधिकारी एवं महाविद्यालय की छात्रा उपस्थिति रही।

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