कृषि भूमि का कन्वर्जन कराना नहीं होगा आसान राज्य सरकार से लेनी होगी स्वीकृति
लक्ष्मणगढ़ (अलवर / कमलेश जैन) राज्य सरकार के नगरीय विकास और आवासन विभाग द्वारा गत दिनों में जारी एक आदेश के बाद शहरी क्षेत्र (नगर निकाय, प्राधिकरण या यूआईटी क्षेत्र) में कृषि भूमि को आवासीय या गैर आवासीय उपयोग के लिए कन्वर्जन करवाना अब आसान नहीं होगा। आदेश के मुताबिक एक निर्धारित सीमा से अधिक भूमि को कन्वर्जन करवाने के लिए राज्य सरकार से स्वीकृति के बाद ही उसे पट्टा विलेख जारी किया जाएगा। कॉलोनी डेवलपर्स और कृषि भूमि का अन्य कार्यों के लिए उपयोग करने की सोचने वाले भूमिधारकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
नगरीय विकास और आवासन विभाग के शासन उप सचिव-प्रथम रवि विजय ने आदेश जारी कर 2012 के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि राजस्थान नगरीय क्षेत्र (कृषि भूमि को गैर कृषिक प्रयोजन के लिए उपयोग की अनुज्ञा और आवंटन) नियम 2012 के नियम 11 के उपनियम (2) और नियम 19 के उप नियम (2) के प्रावधानों के तहत राज्य सरकार निर्देश जारी करती है कि स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा उनके निर्धारित सीमा से अधिक क्षेत्रफल के लिए पट्टा विलेख राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद जारी किए जाएंगे। इसमें जयपुर, जोधपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा विकास प्राधिकरण क्षेत्र में आवासीय 10 हजार वर्ग मीटर और गैर आवासीय 4 हजार वर्ग मीटर और अन्य सभी स्थानीय प्राधिकारियों द्वारा आवासीय 5 हजार वर्ग मीटर और गैर आवासीय 2500 वर्ग मीटर की सीमा निर्धारित की गई है।
भूमिधारकों को आएगी परेशानी - नए आदेश के बाद कन्वर्जन की सीमा को कम कर दिया गया है। इससे अब इस सीमा से अधिक वाले भूमि धारकों को पहले राज्य सरकार से स्वीकृति लेनी होगी। उसके बाद भूमि का कन्वर्जन होगा।इसमें अधिक समय आर्थिक भार एवं राजधानी के कार्य के लिए चक्कर काटना पड़ेगा।