पल्लव व प्रसादी वितरण के साथ हुआ स्वामी जीवन मुक्ति के बरसी उत्सव का समापन

खैरथल (हीरालाल भूरानी)
प्रेम प्रकाश संप्रदाय के मंडलाध्यक्ष स्वामी भगत प्रकाश महाराज ने कहा कि भक्ति और प्रेम के अनेक रूप है । अपने इष्ट या परमात्मा के प्रति प्रेम की भावना भक्ति कहलाती है। सेवा का संबंध कर्म से है। मन में प्रेमाभक्ति हो तो कर्म में सेवाभक्ति की भावना स्वयं जाग जाएगी। ये प्रवचन स्वामी भगत प्रकाश महाराज ने रविवार को प्रेम प्रकाश आश्रम खैरथल में स्वामी जीवनमुक्त महाराज के तीन दिवसीय बरसी उत्सव समापन पर आयोजित सतसंग प्रवचन के दौरान कहे।
प्रेम प्रकाशी हीरालाल भूरानी ने बताया कि इस दौरान अमरापुर स्थान जयपुर के संत मनोहरलाल ने प्रवचन के दौरान आह्वान किया कि हमें हमेशा दीन दुखियों की सेवा करनी चाहिए, तभी हमारा जीवन सफल हो सकता है। जीवन बहुत छोटा है, इसे यूं ही व्यर्थ मत गंवाइए। इसके महत्व को समझें, समाज में बहुत कुछ होता है। करो वही जो सर्व कल्याण के लिए हो। सतसंग प्रवचन के दौरान संत हरिओमलाल ग्वालियर, संत हरिइंद्र
प्रेमप्रकाशी,संत उमेशलाल प्रेमप्रकाशी, संत कमल, संत डालूराम, भगत लक्ष्मीचंद, भगत दिलीप, भगत माणकलाल, भगत पुनीत सहित देश भर से पधारे संत महात्माओं ने सत्संग के माध्यम से स्वामी टेऊराम महाराज, स्वामी जीवनमुक्त महाराज की जीवनी
पर प्रकाश डाला। समापन के तहत स्वामी भगत प्रकाश महाराज ने सुबह 7 बजे पल्लव पाकर बरसी उत्सव का समापन कर प्रसाद
वितरित किया। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सभी संत महात्माओं की प्रतिमा के दर्शन कर अरदास के बाद प्रसाद ग्रहण किया गया।
इस दौरान प्रेम प्रकाश सेवा मंडल, पूज्य सिन्धी पंचायत खैरथल, स्वामी ध्यानगिरी सेवा समिति सहित दर्जनों श्रद्धालुओं ने व्यवस्थाओं को बनाए रखा।






