आनंदमय जीवनस्तर का पैसे, पद, प्रतिष्ठा से कुछ भी लेना-देना नहीं - स्वामी चैतन्यानंद
रामधाम में सावन का पहला प्रदोष धूमधाम से मनाया , हुआ सहस्त्रधारा अभिषेक
भीलवाड़ा (राजकुमार गोयल) श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में सावन के पहले प्रदोष पर गुरुवार को विद्वान पंडितों के मंत्रोचार के बीच दुग्धाभिषेक व सहस्त्रधारा अभिषेक किया गया। पानी का टैंकर मंगवाकर भक्तों ने बाल्टियों से घड़े में पानी डाला। घड़े में हो रखे सैकड़ो छीद्रों से लगातार अभिषेक जारी रहा । यजमान हरीशचंद्र, संजीव व रोहित गुप्ता आगरा वाले रहे । उधर गुरुवार को चातुर्मास में नर्बदा तट खरगोन के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि यह संसार नश्वर है, जो आज है वह कल नहीं रहेगा। यही प्रकृति का नियम है, कुछ भी साथ जाने वाला नहीं है। साथ रहेगी तो सिर्फ हमारी आत्मा, हमारे सत्कर्म। आत्मा सौ परमात्मा अर्थात् आत्मा ही परमात्मा है, आत्मावान बनो, अपनी आत्मा की आवाज सुनो, उसे अपना मार्गदर्शन करने दो, आत्मा ईश्वर का अंश है, वह जानती है हमारे लिए क्या सही है? जीवन में आसक्ति ना रखो। चिंता छोड़ दो। शोक ना करो। ईश्वर ने जो दिया है उसका आनंद उठाओ। आनंदमय जीवनस्तर का पैसे, पद, प्रतिष्ठा से कुछ भी लेना-देना नहीं है। ही मानव की शक्ति है। भक्ति से जो आध्यात्मिक शक्ति मिलती है वह हमें बुराईयों से दूर रख सदमार्ग की तरफ ले जाती है। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के शुरू में विष्णु सहस्त्रनाम पाठ किया गया। श्री राम, जयराम, जय जय राम से रामधाम गुंजायमान रहा। संत राजेश्वरानंद हरिद्वार के श्री मुख से शिवालय में शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ हुआ। पंडित रमाकांत शर्मा, पंडित रामू, पंडित घनश्याम, पंडित सुशील शुक्ला के मन्त्रोंचार के बीच अभिषेक हुआ। शिवालय भोले के जयकारों से गुंजायमान रहा । चातुर्मास के तहत नियमित सुबह 9 बजे से स्वामी चैतन्यानंद गिरी महाराज के प्रवचन हो रहे है । सुबह 10 व शाम 4 बजे शिवालय में भगवान शंकर के परिवार का भव्य श्रृंगार एवं अभिषेक किया जा रहा है । ट्