खतरे के निशान से ऊपर पहुंची सुजान गंगा: 28 साल बाद हुई लबालब
भरतपुर में 28 साल बाद सुजान गंगा हुई लबालब, नहर में आया 60 एमसीएफटी पानी। प्राप्त जानकारी अनुसार भरतपुर शहरी क्षेत्र में भारी बारिश के पानी से करीब 28 साल बाद सुजान गंगा नहर लबालब हो गई है, इससे पहले 1996 में बाढ़ के पानी से नहर फुल हुई थी, अब इसमें पानी को गुुंजाइश नहीं रही है जिससे किला, जामा मस्जिद, नदिया मोहल्ला, गंगा मंदिर, चौबुर्जा, मोरी चार बाग, दही वाली गली, सब्जी मंडी, लक्ष्मण मंदिर, बासन गेट, मोरी चार बाग और गोपालगढ़ और उससे सटे इलाकों में अधिक बारिश होने पर जलभराव की समस्या बन सकती है। जलसंसाधन विभाग के सेवानिवृत एक्सईएन शिवरतन सिंह धनकर ने बताया कि जल निकासी का सिस्टम फेल हो गया है क्योंकि लंबे समय नहर में इतना पानी नहीं आया, नहर की भराव क्षमता करीब 50 एमसीएफटी है जबकि इसमें अब 60 एमसीएफटी से ज्यादा पानी है। पहले नहर को रामनगर दो मोरा से भरा जाता था, तब पानी की गणना हो जाती थी, अब वह सिस्टम ठप है। माना जाता था कि इंजन घाट की सीढ़ियों पर पानी आ जाए तो 50 एमसीएफटी पानी आता था, अब तीन-चार सीढ़ियां ही डूबने से शेष है। गोरतलब है कि नहर में गेज नहीं है, इसकी चौडा़ई और गहराई भी अलग अलग मानी जाती है। करीब पौने तीन सौ साल पुरानी नहर में अतिरिक्त पानी की निकासी के लिए पाई बाग और सहयोग नगर क्षेत्र में आउट फॉल हैं। सहयोग नगर क्षेत्र से निकासी का आउट फॉल चॉक हो चुका है जबकि पाई बाग में चांदपोल गेट नाले के जरिए पानी के निकास का आउट फॉल नाला सीएफसीडी से जुड़ा है, सीएफसीडी में पहले से ही पानी की निकासी नहीं हो रही है। नगर निगम की ओर से सफाई नहीं कराने के पानी निकासी की व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। भरतपुर संभाग में 2 सितंबर से बारिश की उम्मीद है जबकि बुधवार को भरतपुर में 2, भुसावर 3, रूपवास 5 और उच्चैन में 17 एमएम बारिश हुई।
- कौशलेन्द्र दत्तात्रेय