गीत संगीत एक मनोवैज्ञानिक उपचार डॉ दीपा थदानी और डॉ लाल थदानी की अनूठी और निस्वार्थ पहल
खैरथल ( हीरालाल भूरानी)
चिकित्सा समाज सेवा और साहित्य गायन क्षेत्र में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय और विभिन्न संस्थाओं द्वारा अनेक पुरस्कारों से सम्मानित डॉ लाल थदानी और उनकी पत्नी डॉ दीपा थदानी गत 4 वर्षों से गीत संगीत को माध्यम बनाते हुए असाध्य रोगों के मनोवैज्ञानिक उपचार में लगें हैं । कोरोना के दौरान इन्होंने इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स समिति का गठन करते हुए ऑनलाइन गीत संगीत कार्यक्रम के अनेक आयोजन करते हुए कैंसर, लकवा, हृदय रोग और कोरोना से प्रभावित परिवारों को संगीत की तरफ प्रेरित किया । इनमें अनेक लोग जो मानसिक अवसादों से गुजर रहे थे उनमें नवजीवन संचार किया । अजमेर में पिछले चार वर्षो में करीब 68 कराओके और लाइव कार्यक्रम आयोजित किए हैं।
डॉ लाल थदानी संस्थापक मुख्य संरक्षक इंडिया इंटरनेशनल म्यूजिक लवर्स सोसायटी ने बताया कि म्यूजिकल थेरेपी ब्रेन डिसऑर्डर जैसे अल्जाइमर और डिमेंसिया रोगों और लैंग्वेज डिसऑर्डर को दूर करने में काफी कारगर है। भारत में इस पर काफी रिसर्च भी की गई है। डॉ लाल थदानी चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग से प्रिंसिपल चीफ मेडिकल ऑफिसर पद से सेवानिवृत हैं ने स्टार मेकर और कराओके पर अब तक 1800 से अधिक गाने, 2200 से अधिक डेली कोट्स, कविताएं प्रकाशित और विजय श्री अवॉर्ड , मदर टेरेसा अवॉर्ड, रेड एंड व्हाइट ब्रेवरी अवॉर्ड से सम्मानित हैं । उन्हें 2 बार अंतरराष्ट्रीय काव्य सृजन अवार्ड से सम्मानित किया गया है । डॉ लाल थदानी राजस्थान सिन्धी अकादमी के 2000 से 2003 तक अध्यक्ष रहे ।
डॉ दीपा थदानी सीनियर प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष बायोकेमिस्ट्री ने बताया कि रोजाना 20 मिनट अपनी पसंद का संगीत सुन ले तो बहुत-सी बीमारियों से बचा जा सकता है। हृदय रोग के लिए राग दरबारी और सारंग, तो अनिद्रा को दूर करने के लिए भैरवी और सोहनी के स्वर होने चाहिए। डॉ लाल थदानी और डॉ दीपा थदानी 2021-22 का जिला प्रशासन नगर निगम सभापति द्वारा कोरोना वॉरियर से सम्मानित किया गया है।