ढोला मारू की निकाली झांकी बैंड बाजे ऊंट घोड़ी की सवारियों के साथ

राजगढ़ (अलवर/ अनिल गुप्ता) राजा महाराजाओं के समय से निकलती आ रही ढोला मारू की सवारी होली पर्व पर राजगढ़ कस्बे में बैण्ड बाजों, ऊंट, घोड़ियों, बग्गी के साथ गुलाल उडाते मस्तानों की टोलियों के साथ निकाली गई। विगत अनेक सालों से चली आ रही परम्परा का निर्वहन एक बार फिर से राजगढ़ में शान से निर्वहन हुआ। ढोला मारू समिति के अध्यक्ष हरि प्रसाद टेलर ने बताया कि रियासत काल से होली की संध्या पर ढोला मारू व विभिन्न प्रकार के स्वांग का जुलूस एक बार फिर से राजगढ़ कस्बे में आकर्षण का केन्द्र रहा। ढोला मारू सवारी देखने के लिए कस्बे की सडकों व छतो पर दर्शक महिला-पुरूष व बच्चों की भीड उमड पडी। ढोला मारू की सवारी कस्बे के बारलाबास स्थित नाम देव समाज की धर्मशाला से शुरू होकर गोविन्द जी देव बाजार, चौपड बाजार, गोल सर्किल होते हुऐ वापस बारलाबास पहुंची। राजगढ में ढोला मारू की सवारी के नाम से चल रहा होली व धुलण्डी के अवसर पर निकाले जाने वाला जुलुस में एक ऊँट पर सवार ढोला मारू की बारात में होली के रंग में रंगे नौजवान नाचते गाते हुए चल रहे थे। जहां मालाखेड़ा बाजार में छगनलाल चक्की वाले एंड पार्टी ने सभी को ठंडा, कोफ्ते का नाश्ता करा गुलाल लगा कर भव्य स्वागत किया।इसके अलावा इस बार बग्गी में होलिका व भक्त प्रहलाद की संजीव झांकी का प्रदर्शन किया गया। ढोला मारू की बारात का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।






