राजेन्द्र मार्ग स्कूल के विद्यार्थियों को राज्य आपदा प्रतिसाद बल राजस्थान की टीम ने सिखाऐ आपदा प्रबन्धन के गुर

Nov 26, 2021 - 14:42
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राजेन्द्र मार्ग स्कूल के विद्यार्थियों को राज्य आपदा प्रतिसाद बल राजस्थान की टीम ने सिखाऐ आपदा प्रबन्धन के गुर

भीलवाड़ा  (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय राजेन्द्र मार्ग भीलवाड़ा में गुरूवार को ई कम्पनी राज्य आपदा प्रतिसाद बल राजस्थान पुलिस अजमेर की 22 सदस्य टीम द्वारा विभिन्न उपकरणों, जीवन रक्षक साधनों द्वारा जीवन्त प्रदर्शन एवं साहसिक उद्बोधन द्वारा राजेन्द्र मार्ग स्कूल के लगभग 2500 विद्यार्थियों को विभिन्न प्राकृतिक एवं मानव जन्य आपदाओं से सुरक्षा हेतु गुरू सिखाऐं गये। प्रारम्भ में संस्थाप्रधान श्यामलाल खटीक ने टीम कमाण्डर बजरंग लाल का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन करते हुए सभी विद्यार्थियों का आह्वान किया कि वे आपदा के समय घबराये नहीं एवं पूर्ण सचेतना के साथ पीड़ित व्यक्ति को सहायता प्रदान करे एवं टीम द्वारा सिखाये जाने वाले सभी तरीकों को सीखकर यथायोग्य सहयोग करे।
टीम द्वारा प्रारम्भ में भूकम्प आने पर व्यक्तियों को खड़े होकर भागना नहीं चाहिऐ बल्कि बैठकर अपने सिर पर उपलब्ध साधन यथा परात, बाल्टी, भगौना सिर पर रखकर धीरे-धीरे आगे बढ़ कर बचाव करना चाहिऐ, अपनी बाई तरफ वाली दीवार का सहारा लेते हुए आगे बढ़ना चाहिऐ। इसके बाद टीम ने यदि गैस सिलेण्डर में आग लग जाये तो बोरी या चद्दर को गीला करके उसके उपर एक झटके से ढ़कना, सिलेण्डर के उपर बाल्टी ढ़कना या रेगुलेटर के बिल्कुल पास में अचानक अंगुली लगाकर बन्द करना चाहिऐ, इससे सिलेण्डर की आग बुझ जाती है, यदि घर में किसी व्यक्ति को आग लग जाने पर उस पर गिला कम्बल या गिला चद्दर ओढ़ाना चाहिऐ, जिससे आग बुझ जाती हैं। यदि किसी को हार्ट अटैक आ जाये एवं उसकी सांस व धड़कन बन्द होने के 9 मिनट के भीतर ही सी.पी.आर. की क्रिया की जावे तो उसका जीवन बचाया जा सकता हैं। सी.पी.आर. में रोगी को सीधा लिटाकर उसके फेफड़ों पर 4 से 5 सेन्टीमीटर तक का दबाव 9 बार दिया जाता है एवं उसके बाद उसके मुह में 2 बार हवा अपने मुह से भरी जाती हैं, इस प्रकार की क्रिया 3-4 बार करने पर रोगी व्यक्ति की सांस पुनः लौट जाती हैं।
बहुत ही रोचक तरीके से विद्यालय भवन की प्रथम मंजिल के उपर उपकरणों को व्यवस्थित कर बताया कि यदि किसी बहुमंजिला इमारत में आग लगने पर व्यक्तियों को सुरक्षित कैसे निकाले, इसके लिये उन्होंने रस्सी पर प्रभावित व्यक्तियों को उतारना, बेहोश व्यक्ति को स्ट्रेचर पर लिटाकर उतारने का लाईव प्रदर्शन किया, जिसे देखकर विद्यार्थियों ने बहुत जोरदार तालियों के साथ खुशी अभिव्यक्त की।
इसके पश्चात् डूबते हुए व्यक्तियों को किस प्रकार बचाया जाये व्यक्ति को लेटकर रस्सी फेकनी चाहिऐ, जिससे डूबने वाला व्यक्ति पकड़कर बाहर निकल सकता है और बचाने वाले व्यक्ति के भी पानी में गिरने की संभावना नहीं रहती हैं। इसी प्रकार यदि किसी सड़क दूर्घटना में किसी अंग से खुन बहने लग जाये तो उसको रोकने के भी 4 तरीके बताये गये। बहुत ही रोचक एवं आकर्षक तरिके से प्रदर्शनी के माध्यम से एवं अन्य अनेक आपदा प्रबन्धन के गुण टीम द्वारा विद्यार्थियों को सिखाये गये। विभिन्न उपकरणों का प्रदर्शन किया गया एवं उनके बारे में विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को दी गई।
कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के व्याख्याता रमाकान्त तिवाड़ी, पारी सहप्रभारी व्याख्याता भागचन्द सोमानी, रामप्रसाद माणम्या, अशोक जैथलिया, अमीन खां एवं व्याख्याता शा.शि. केसरीमल खटीक का पूर्ण सहयोग रहा। विद्यालय पारी प्रभारी व्याख्याता भागचन्द जैन ने सभी का आभार प्रदर्शन किया।

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