आत्म शांति, स्वास्थ्य लाभ, का पर्व शरद पूनम 16 अक्टूबर को
लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन
हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा का पर्व हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन मनाया जाता है। योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि हिन्दू धर्म में शरद पूर्णिमा की रात बहुत खास मानी जाती है, क्योंकि इस रात चांद पूरी तरह से चमकता है यानी कि चांद 16 कलाओं से पूर्ण रहता है।
शरद पूर्णिमा तिथि पंचांग के मुताबिक, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 08 बजकर 41 मिनट पर शुरू होगी. अगले दिन 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
शरद पूनम दमे की बीमारी वालों के लिए वरदान का दिन है । धर्मार्थ लोगों द्वारा आश्रमों में निःशुल्क औषधि मिलती है, वह चन्द्रमा की चाँदनी में रखी हुई खीर में मिलाकर खाने से दमे का दम निकल जायेगा। चन्द्रमा की चाँदनी गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ पुष्ट होता है ।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दें,मां लक्ष्मी की पूजा करें घर में दीपक जलाएं इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मंत्रों का जाप करें: आत्म शांति के लिए मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें , जरूरतमंदों को दान करें। नकारात्मक विचार: मन में नहीं लाने चाहिए। किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए। गुस्सा नहीं करना चाहिए। झूठ नहीं बोलना चाहिए।
रखें खास ध्यान
शरद पूर्णिमा के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें। लहसुन, प्याज का सेवन भी निषेध माना गया है। उपवास रखें तो ज्यादा बेहतर होगा। शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत की प्राप्ति कर पाएंगे। इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और न ही काले रंग के कपड़े पहनें। चमकदार सफेद रंग के वस्त्र धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा।
शरद पूर्णिमा पर चांद की रोशनी में रखी खीर खाने का विशेष महत्व बताया गया है। शरद पूर्णिमा की रात चांदनी में खीर रखने की परंपरा है। माना जाता है कि चांद की किरणों से खीर में अमृत का रस घुल जाता है। खीर को कांच, मिट्टी या चांदी के पात्र में ही रखें। अन्य धातुओं का प्रयोग न ही करें।
शरद पूर्णिमा का महत्व
ऐसी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आत्म शांति मिलती है। चांदनी रात में रखी गई खीर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है। शरद पूर्णिमा आध्यात्मिक विकास के लिए एक अच्छा अवसर है। शरद पूर्णिमा के दिन घर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं। इससे घर में सुख-समृद्धि का वास बढ़ता है। और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है।