सरस्वती विद्या मंदिर सादड़ी में अभिभावक सम्मेलन सफ़लता पूर्वक संपन्न
पाली (राकेश लखेरा) आदर्श शिक्षा संस्थान द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिर का अभिभावक सम्मेलन दिनांक 18 जनवरी को संपन्न हुआ। जिसमें कार्यक्रम में पधारे अतिथियों दद्वारा मां शारदा, ओम एवं भारत माता के समक्ष दीप प्रज्वलन किया गया एवं पुष्प अर्पित किए गए। प्रधानाचार्य मनोहर लाल सोलंकी द्वारा कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथिर्यो का परिचय कराया। जिसमें प्रांत कोषाध्यक्ष विजय जी मालवीय का स्वागत नारायण लाल लोहार व्यवस्थापक दवारा किया गया। डॉक्टर चंपालाल सोलंकी का स्वागत साफा द्वारा राज् जैन ने किया। आचार्या विद्या परिहार द्वारा विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। बालिका शिक्षा पर उमराव, विद्यालय की गतिविधियों पर इंदिरा प्रजापत, उपलब्धि एवं जन शिक्षा नीति पर अरुणा पंवार एवं विद्यालय द्वारा दी जाने वाली व्यवस्थाओं पर मांगीलाल लुनिया ने प्रकाश डाला। संपूर्ण कार्यक्रम के रूपरेखा भैराराम परिहार ने तैयार की गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे विजय मालवीय द्वारा कार्यक्रम में पधारे 253 के लगभग अभिभावकों को संबोधित किया गया। बालक के सर्वांगीण विकास में माता की भूमिका अधिक रहती है। बालक को कंकर से शंकर बनाने के लिए अच्छे संस्कार की आवश्यकता है। विदया भारती के विद्यालय शिक्षा के साथ अच्छे संस्कार देने का कार्य करते हैं। उन्होंने बताया पत्थर को तराशने पर ही वह पूजनीय मूर्ति बनता है। बालक प्रतिदिन विद्यालय आए विद्यालय में दिए गए गृह कार्य को देखना। गृह कार्य पूर्ण अपूर्ण की जानकारी रखना। घर पर टेलीविजन एवं मोबाइल से दूर रखना चाहिए। डॉक्टर चंपालाल सोलंकी ने बताया की विद्या भारती के विदया मंदिरों में पढ़ने वाले भैया बहन शिक्षा की दृष्टि से एवं संस्कार की दृष्टि से श्रेष्ठ होते हैं। श्रेष्ठ बालक ही अपना एवं अपने माता-पिता का नाम प्रसिद्ध करते हैं। व्यवस्थापक नारायण लोहार द्वारा सभी अतिथियों एवं अभिभावकों का आभार व्यक्त किया गया। गोविंदपुरी ने पूरी कार्यक्रम की फोटोग्राफी की। आचार्य प्रकाश कुमार चौहान द्वारा रेखांकन प्रवीण राठौर द्वारा साज साज एवं भुवनेश माधव दद्वारा मंच संचालन किया गया विद्यालय की बैठक व्यवस्था देवाराम परमार, मांगीलाल चौधरी, तरुण जैन, राकेश बावल लोकेंद्र भंवरलाल दुदाराम वर्मा काजल भवानी राजपुरोहित सभी ने कार्यक्रम में सहयोग किया।