विद्यालय में अचानक पहुंचे शिक्षा मंत्री, गंदगी और कीचड़ को देखकर जताई नाराजगी: बिना स्वीकृति के कई शिक्षक मिले अनुपस्थित
शिक्षा मंत्री का नाम सुनकर सीबीईओ ने कहा- रॉन्ग नंबर: फिर नहीं उठाया फोन
जयपुर जिले के बस्सी ब्लॉक में रामरतनपुरा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल मे शिक्षा मंत्री शुक्रवार को निरीक्षण के लिए पहुंछ गए। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सरकारी स्कूल में गंदगी देख स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। इतना ही नही
निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री को तमाम खामियां मिली। इसके लिए CBEO को जिम्मेदार माना गया। दिलावर ने स्कूल की कार्यवाहक प्रिंसिपल सरोज यादव को सीबीईओ लल्लू राम मीणा से बात कराने को कहा। सरोज यादव ने जब लल्लू राम को फोन लगाया तो पहले तो उन्होंने बात कर ली। फिर सरोज यादव ने जैसे ही कहा कि स्कूल में शिक्षा मंत्री आए हुए हैं।
- शिक्षा मंत्री का नाम सुनकर सीबीईओ ने कहा- रॉन्ग नंबर: फिर नहीं उठाया फोन
स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर बात करना चाहते हैं तो सीबीईओ ने गलत नंबर बताकर फोन काट दिया। इसके बाद उन्होंने फोन नहीं उठाया। इससे गुस्साए शिक्षामंत्री दिलावर ने इसको गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए तुरंत बड़े अधिकारियों को सीबीईओ के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।
इतना ही नही इसके बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्टाफ उपस्थिति रजिस्टर मांगा और उसकी जांच की तो बगैर किसी स्वीकृति के कई शिक्षक अनुपस्थित मिले। अक्टूबर, 2024 से ही उपस्थिति रजिस्टर में अनुपस्थित स्टाफ की कोई छुट्टियां दर्ज नहीं थीं। ना ही पीएल, सीएल की मंजूरी का उल्लेख था। स्कूल की शारीरिक शिक्षिका माया जिसे जयपुर शहर में कार्य व्यवस्था लगाया हुआ है, उन्हें भी तत्काल प्रभाव से रिलीव करने के संयुक्त निदेशक जयपुर को आदेश दिए। स्कूल के कनिष्ठ सहायक विशाल शर्मा के खिलाफ भी उपस्थिति रजिस्टर सही प्रकार से नहीं रखने पर कार्रवाई के निर्देश दिए।
- स्कूल में बिना परमिशन प्रचार नहीं करने के निर्देश
इस दौरान स्कूल में एक और रोचक वाकया हुआ। विद्यालय में बच्चों को एकत्रित कर कुछ लोगों द्वारा एक किट बांटा जा रहा था। पूछताछ करने पर उन लोगों ने मंत्री को बताया कि वो डेंटिस्ट हैं और बच्चों को दांतों की सुरक्षा को लेकर जागरूक कर रहे हैं। बच्चों को एक कंपनी के टूथपेस्ट निशुल्क बांटने पर मंत्री ने आपत्ति जताते हुए इसे कंपनी का प्रचार बताया तो वो लोग माफी मांगने लगे। मंत्री ने हिदायत दी कि बिना अनुमति विद्यालय परिसर के अंदर इस प्रकार प्रचार ना करें।