पत्रकारिता में प्रमाणिकता की पहचान रहे हरीश वरियानी

खैरथल (हीरालाल भूरानी ) राजस्थान की पत्रकारिता जगत में प्रमाणिकता केसाथ कोई भी विषय को रखना है तो हमे अजमेर निवासी हरीश वरियानी से ही सीखनी होगी यदि आपके पास प्रमाण है और विषय का आधार है तो समाचार प्रकाशन में को समझौता नहीं करना चाहिए यह शिक्षा दी है हरीश वरियानी ने नए पत्रकारों को 16 फरवरी 2025 को पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह ने सांसारिक यात्रा पूर्ण कर देवलोक गमन को प्रस्थान किया लेकिन बहुत से प्रश्न विचार के लिए छोड़ गए।
सिंधी पत्रकारिता में अपनी धाक जमाने के बाद हिंदी पत्रकारिता में नए आयाम स्थापित करने वाले हरीश वरियानी को जैसे प्रकृति ने आवेश में आना या गुस्सा करना तो बिल्कुल ही नहीं सिखाया। सिंधी भाषा में प्रकाशित हिन्दू अखबार को अजमेर, जयपुर में स्थापित करने के बाद जयपुर से हिंदी भाषा का दैनिक समाचार पत्र कंचन केसरी का प्रकाशन कर उन्होंने अनेक पत्रकारों, कलमकारों को अपनी बात कहने का मंच प्रदान किया। स्वास्थ की खराबी के बाद भी पत्रकारिता और स्वयं के संस्थान से जुड़े कर्मियों के प्रति उनका स्नेह हर व्यक्ति को आभास करता था कि संस्थान का हाईकमान उनका संरक्षक भी है। मुझे कंचन केसरी समाचार पत्र में उनके संरक्षण का लाभ उठाने का सौभाग्य मिला है। लंबे समय के साथ में उनसे एक ही बात सीखी कर्मचारी चाहे छोटा हो या बड़ा सम्मान सभी का होना चाहिए वे कार्य में कमी होने पर भी असहमति व्यक्त करने में शब्दों का विशेष ध्यान रखते थे। किसी भी विषय पर चर्चा करना ओर विषय विशेषज्ञों से विचार विमर्श करना उनकी आदत रही।
पांच दशकों से ज्यादा समय तक पूर्णकालिक पत्रकारिता में सक्रिय रहे हरीश वरियानी जी ने जीवन भर सकारात्मक और रचनात्मक पत्रकारिता का ही झंडा थामें रखा। मैं यदि उन्हें पत्रकारिता जगत का योद्धा के रूप में संबोधित करू तो मेरी दृष्टि में यह उचित शब्द है। वर्तमान समय में पत्रकारिता में जिस प्रकार से व्यवसायिकता का प्रवेश होने और नैतिक मूल्यों से समझौता होने लगा है यह अवगुण उनसे हजारों मील दूर रहा। सिद्धांत पूरक पत्रकारिता के मनीषी के हमारे बीच नहीं रहने का दुःख तो हमे सताएगा परंतु उनके द्वारा मेरे जैसे पत्रकारों को दिखाए नैतिकता का रास्ता हमे हर पल उनका स्मरण कराता रहे। श्रद्धासुमन अर्पित कर हम आपको विश्वास दिलाते है कि पत्रकारिताजगत आपके द्वारा स्थापित मूल्य कभी नहीं गिरने देंगे।






