महाशिवरात्रि 26 फरवरी को

लक्ष्मणगढ़ (अलवर ) कमलेश जैन
वैसे तो रोजाना घरों में देवों के देव महादेव की पूजा की जाती हैं। लेकिन उनकी विशेष कृपा प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि का दिन बेहद खास माना जाता है।
योग शिक्षक पंडित लोकेश कुमार ने बताया कि यह पर्व हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसलिए इस दिन शिव परिवार की उपासना करने से वैवाहिक जीवन सुखमय का आशीर्वाद प्राप्त होता है, इतना ही नहीं यदि शिवरात्रि पर सच्चे मन भाव से उपवास किया जाए तो मनचाहा वर पाने की कामना भी पूरी होती हैं।पंचांग के अनुसार 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि के दिन श्रवण नक्षत्र बन रहा है जो शाम 5 बजकर 08 मिनट तक रहेगा, इस दौरान परिध योग का संयोग भी रहेगा।
पौराणिक कथाओं की मानें तो महाशिवरात्रि पर भगवान शिव पृथ्वी पर मौजूद सभी शिवलिंग में विराजमान होते हैं, ऐसे में इस दिन शिवलिंग की पूजा और अभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है, साथ ही महादेव भी प्रसन्न होते हैं।
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- 26 फरवरी को प्रात: काल में 05:17 से लेकर 06:05 मिनट तक
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06:29 से रात 09 बजकर 34 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09:34 से 27 फरवरी सुबह 12 बजकर 39 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को रात 12:39 से सुबह 03 बजकर 45 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी को सुबह 03:45 से 06 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।






