निरंकारी मिशन के प्रोजेक्ट अमृत का तृतीय चरण, स्वच्छ जल स्वच्छ मन की ओर एक सार्थक कदम

खैरथल (हीरालाल भूरानी )संत निरंकारी मिशन की सेवा भावना और मानव कल्याण के संकल्प को साकार करने हेतु प्रोजेक्ट अमृत के अंतर्गत स्वच्छ जल स्वच्छ मन परियोजना के तृतीय चरण का भव्य शुभारंभ रविवार 23 फरवरी 2025 को परम श्रद्धेय सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं सत्कार योग्य निरंकारी राजापिता रमित के पावन सानिध्य में यमुना नदी के किनारे किया जाएगा। इस परियोजना का उद्देश्य जल संरक्षण एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है ताकि भावी पीढ़ीयो को निर्मल जल और स्वस्थ पर्यावरण का वरदान प्राप्त हो सके
इसी क्रम में अलवर के जिला संयोजक सोमनाथ जी के दिशा निर्देश एवं सेवा दल संचालक शिली राम के मार्गदर्शन में स्वच्छ जल स्वच्छ मन की झांकी को प्रदर्शित करते हुए अलवर शहर में एक विशाल रैली निकाली जाएगी इस रैली को मुख्य अतिथि हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे इस रैली में वर्दी सहित सेवा दल भाई बहन और संगत के सभी संत महात्मा कंपनी बाग के सामने से 11:00 रवाना होते हुए मुख्य बाजारों, होप सर्कस, घंटाघर, काशीराम चौराहा भगत सिंह सर्किल होते हुए यह संदेश जन- जन तक पहुंचाते हुए संत निरंकारी भवन पहुंचेगी
प्रोजेक्ट अमृत का शुभारंभ भारत सरकार के सहयोग से वर्ष 2023 में किया था इस दिव्य पहल का उद्देश्य केवल जल स्रोतों की स्वच्छता सुनिश्चित करना ही नहीं बल्कि जल संरक्षण को मानव जीवन का अभिन्न अंग बनाने की सोच को विकसित करना है इस महा अभियान ने अपने पहले दो चरणों में अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की
संत निरंकारी मंडल के सचिव आदरणीय जोगिंदर सुखीजा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह वृहद अभियान देश भर के 27 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में 900 से अधिक शहरों में 1600 से भी अधिक स्थानों पर एक साथ आयोजित किया जाएगा। दिल्ली में इस अभियान को पूर्व की भांति आओ सवेरे यमुना किनारे के प्रेरक संदेश के साथ आयोजित किया जा रहा है संत निरंकारी मिशन के लगभग 10 लाख समर्पित स्वयं सेवक मिलकर जल संरक्षण और संस्था का संदेश जन-जन तक पहुंचाएंगे यह पहल केवल सफाई तक सीमित न रहकर आज की युवा पीढ़ी को समाज कल्याण की दिशा में सकारात्मक कार्य करने के लिए प्रेरित करेंगे
सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज भी अक्सर यही प्रेरणा देते है कि हम इस धरती को और भी अधिक सुंदर स्वरूप में छोड़कर जाएं यह अभियान इस संकल्प का एक साकार स्वरूप है जो समाज को जागरूकता, सेवा और समर्पण की दिशा में आगे बढ़ने का कार्य करेगा।






