सांवलिया सेठ मंदिर में अमावस्या पर भरेगा मेला, अक्षय तृतीया पर होंगे बद्रीनाथ के दर्शन
अमावस्या और अक्षय तृतीया पर दिखेगा श्रद्धा और भक्ति का संगम

गुरला (बद्रीलाल माली) श्री सांवलिया सेठ मंदिर, नौगांवा, एक बार फिर श्रद्धा और भक्ति के अद्भुत संगम का साक्षी बनने जा रहा है। मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी ने इस पावन अवसर पर आयोजित होने वाले विशेष कार्यक्रमों की जानकारी दी, जिससे भक्तों में उत्साह और उमंग का संचार हो गया है। 27 अप्रैल को अमावस्या के शुभ अवसर पर, श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ने की संभावना है। दूर-दूर से पदयात्रा करते हुए श्रद्धालु अपने प्रिय ठाकुर जी के दर्शनों के लिए पहुँचेंगे। यह दृश्य अत्यंत मनोहारी और भक्तिमय होगा, जहाँ आस्था के रंग में रंगे भक्तजन अपनी श्रद्धा के पुष्प अर्पित करेंगे। इस विशेष दिन पर, भगवान सांवलिया सेठ का दूध से अभिषेक किया जाएगा, जो कि एक पवित्र और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। यह अभिषेक पंडित रमाकांत शर्मा के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ संपन्न होगा, जिससे वातावरण दिव्यता और पवित्रता से भर उठेगा।
इसके उपरांत, ठाकुर जी को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का राजभोग अर्पित किया जाएगा। यह भोग न केवल स्वादिष्ट होगा बल्कि इसमें भक्तों की श्रद्धा और प्रेम भी समाहित होगा। राजभोग के पश्चात, सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा, जिसे ग्रहण कर वे धन्य महसूस करेंगे।
- अक्षय तृतीया पर बद्रीनाथ रूप में दर्शन
अमावस्या के बाद, 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि इसी दिन भगवान बद्री विशाल के कपाट खुलते हैं। इस शुभ अवसर को और भी विशेष बनाने के लिए, श्री सांवलिया सेठ मंदिर में भगवान सांवलिया सेठ बद्रीनाथ के रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। इसके लिए भगवान की एक विशेष पोशाक तैयार करवाई जा रही है, जो कि बद्रीनाथ स्वरूप की भव्यता और दिव्यता को दर्शाएगी। यह अनूठा रूप भक्तों के लिए एक अद्भुत अनुभव होगा और उन्हें भगवान के इस विशेष स्वरूप के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
मंदिर ट्रस्ट के महामंत्री कैलाश डाड, कोषाध्यक्ष चंद्र प्रकाश आगाल और भंवरलाल दरगड़ इन सभी आयोजनों की तैयारियों में जी-जान से जुटे हुए हैं। उनकी निष्ठा और समर्पण इन आयोजनों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पदयात्रा करके आने वाले सभी भक्तों का मंदिर परिसर में तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा, जो कि भारतीय संस्कृति में सम्मान और स्नेह का प्रतीक है। अंत में, सभी श्रद्धालुओं को भगवान का प्रसाद वितरित किया जाएगा, जिससे उनकी यात्रा और दर्शन पूर्ण होंगे। ट्रस्ट अध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी ने सभी भक्तों से इस पावन अवसर पर श्री सांवलिया सेठ के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित करने का आग्रह किया है। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह सामुदायिक एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है, जहाँ सभी भक्त एक साथ मिलकर प्रभु की भक्ति में लीन होते हैं। मंदिर में मंडफिया सांवलिया सेठ से लाई गईं अखंड ज्योत देशी गाय के घी से जारी है। इससे मंदिर हजारों लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है।






